प्रोनेट कैलिफोर्निया के अध्यक्ष रमेश यादवा ने “इमर्जिंग मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलाॅजी एण्ड स्ट्रेटजिज् (ईएमटीएस) 2021” पर कार्यशाला का किया उद्घाटन
प्रेम प्रकाश
सिंदरी-(धनबाद) : विनिर्माण प्रौद्योगिकियों और उनकी रणनीतियों से प्रगति, उत्पादन के ध्यानाकर्षण के लिए प्रोडक्शन इंजीनियरिंग विभाग, बीआईटी सिंदरी धनबाद द्वारा पांच दिवसीय “इमर्जिंग मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलाॅजी एण्ड स्ट्रेटजिज् (ईएमटीएस) 2021” विषय पर कार्यशाला का आज उद्घाटन किया गया। कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि आईआईएम जम्मू सह पुरातन छात्र प्रो. बीएस सहाय व विशिष्ठ अतिथि प्रोनेट कैलिफोर्निया के अध्यक्ष रमेश यादवा थे। प्रो. सहाय कहा कि इंजीनियरिंग छात्रों को आकर्षित करने के लिए संस्थान में भविष्य के उन्नतशील उद्योग जैसा वातावरण व तकनीकी शिक्षा मे औद्योगिक जुडाव बहुत आवश्यक हो गया है । छात्रों की उद्योगों व रिसर्च प्रयोगशालाओं मे लगातार विजिट व प्रत्येक वर्ष इन्टरशिप इसमें सहायक साबित होगी।
श्री यादवा ने कहा प्रौद्योगिकी की प्रगति के साथ, हमने बहुत कम समय में कोविड टीके तैयार कर लिए । सप्लाई चेन मैनेजमेन्ट के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए प्लान, सोर्स, मेक, डिलिवर व रिटर्न का सही समायोजन आवश्यक है।
इससे पहले अतिथि अभिनन्दन मे संस्थान निदेशक प्रो. डीके सिंह ने कहा कि आधुनिक निर्माण युग में उन्नतशील डिजिटल तकनीक महती भूमिका निभा रहा है। कार्यशाला संयोजक व विभागाध्थक्ष प्रो. प्रकाश कुमार ने कहा कि उद्योग 4.0 की स्मार्ट विनिर्माण प्रौद्योगिकी में कोविड संकट के दौरान भी मांग संचालित आपूर्ति श्रृंखला सेवाओं के लिए अपार संभावनाएं हैं। विशेषज्ञ सत्र में बीआईटी मेसरा रांची के प्रो. विनय शर्मा ने इमर्जिंग मैन्युफेक्चिरिंग एरियाज् मे वैल्यु स्ट्रीम मैपिंग (वीएसएम) के बारे में बताया। वीएसएम से औद्योगिक इंजीनियरों, प्रबंधकों को मदद मिलेगी । वीएसएम विनिर्माण, उत्पादन और व्यापार प्रक्रिया में वेस्ट और गैर-मूल्य वर्धित चरणों को समाप्त करता है।
सीएसआईआर सीएमईआरआई दुर्गापुर के वैज्ञानिक डॉ. शितांशु शेखर चक्रवर्ती ने लेजर मटेरियल प्रोसेसिंग और फ्रिक्शन स्टिर प्रोसेसिंग पर वक्तव्य दिया। आगामी सत्रों में विभिन्न उच्च संस्थानों से प्राध्यापक और प्रसिद्ध कम्पनी पेबैक, बॉश इंडिया और विमान रोबोटिक्स सिलिकॉन वैली यूएसए के विशेषज्ञ शामिल हैं। इस ई-कार्यशाला में संस्थान के प्राध्यापक, बीटेक, एमटेक के छात्र व अन्य संस्थानों के शोध छात्र प्रतिभाग कर रहे हैं। धन्यवाद ज्ञापन कार्यशाला समन्वयक डॉ. एस एन पांडा ने किया।