बिमल चक्रवर्ती

धनबाद : धनबाद डीएवी कोयला नगर के उद्यान में स्थित यज्ञशाला में महात्मा नारायण दास ग्रोवर के पुण्यतिथि के अवसर पर एक प्रार्थना सभा एवं हवन कार्यक्रम आयोजित किया गया था। सर्वप्रथम डीएवी पब्लिक स्कूल झारखंड जोन सी के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. के.सी. श्रीवास्तव एवं डीएवी पब्लिक स्कूल कोयला नगर के प्राचार्य एन.एन. श्रीवास्तव ने महात्मा नारायण दास ग्रोवर की तस्वीर पर माल्यार्पण किया। एवं श्रद्धांजलि अर्पित किया। इस अवसर पर स्कूल के शिक्षकों ने महात्मा नारायण दास ग्रोवर को श्रद्धांजलि अर्पित किए। तत्पश्चात हवन कार्यक्रम एवं प्रार्थना सभा का आयोजन हुआ। प्रार्थना सभा में स्कूल के संगीत शिक्षक सी. पी. मिश्रा एवं इंद्रनील मित्रा ने भजन प्रस्तुति करके सभी लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया। स्कूल के प्राचार्य एन. एन. श्रीवास्तव ने महात्मा के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ग्रोवर साहब पूरे पूर्वी भारत के लिए एक आदर्श एवं महान व्यक्ति थे। उन्होंने शिक्षा के जगत में नई क्रांति लाई थी। उन्होंने झारखंड बिहार – पश्चिम बंगाल सिक्किम एवं नेपाल में लगभग ढाई सौ स्कूलों की स्थापना करवाई एवं डीएवी संस्था के परचम को लहराया। उन्होंने महात्मा ग्रोवर को मेहनती प्रबुद्ध जीवी कुशाग्र बुद्धि नम्र व्यवहार वाले इंसान के रूप में उनकी व्याख्या की उन्होंने बताया कि वे एक सच्चे एवं इमानदार व्यक्तित्व के मालिक थे। उन्होंने अंग्रेजी शिक्षा के साथ- साथ वैदिक संस्कारों की शिक्षा सम्मिलित रूप से देने का बीड़ा उठाया। इसी के लिए उन्होंने दयानंद एंग्लो वैदिक पब्लिक स्कूलों की शाखाएं पूरे पूर्वी भारत में फैलाया। उन्होंने शिक्षकों को संबोधित करते हुए बताया कि ग्रोवर साहब अनुशासन प्रिय व्यक्ति थे, और सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि समाज के प्रति उनके सेवा भाव उनका श्रम अवैतनिक था। वहीं डीएवी पब्लिक स्कूल झारखंड जोन सी के क्षेत्रीय पदाधिकारी डॉ. के.सी. श्रीवास्तव ने महात्मा नारायण दास ग्रोवर के साथ व्यतीत किए गए। अविस्मरणीय क्षणों का जिक्र करते हुए बताया कि महात्मा नारायण दास ग्रोवर का योगदान डीएवी संस्था कभी नहीं भुला सकता आज डीएवी पब्लिक स्कूल में कार्यरत सभी शिक्षक एवं कर्मचारी उनके सदैव ऋणी रहेंगे। उन्होंने बताया कि महात्मा नारायण दास ग्रोवर का जीवन बड़ा सादगी पूर्ण था। ग्रोवर साहब ने झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा के सुदूर इलाकों में 200 से अधिक डीएवी विद्यालयों का शिलान्यास करवाया। उन्होंने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जनकल्याण की व्यवस्था से वहां के लोगों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा। उन्होंने कहा कि मैंने तो गांधीजी को नहीं देखा है, पर मैंने महात्मा नारायण दास ग्रोवर को देखा है। उन्होंने महात्मा ग्रोवर को दूसरे गांधी की संज्ञा दी। उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि सभी शिक्षक निजी स्वार्थ से ऊपर उठकर समाज की भलाई एवं शिक्षा की भलाई के लिए कार्य करें। उन्होंने आशा व्यक्त किया कि सभी शिक्षक महात्मा नारायणदास ग्रोवर के आदर्शों पर चलकर समाज एवं शिक्षा का उत्थान करेंगे। साथ ही डॉ. के.सी. श्रीवास्तव ने लता मंगेशकर के निधन पर गहरा शोक जताया। और कहा लता मंगेशकर का निधन अपूरणीय क्षति है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक पी. एन. झा. , सुनील कुमार पटनायक, शरद कुमार श्रीवास्तव, मौसमी दास, बीके मंडल, एस. के. दिन बंधु, अनिल कुमार, बी.के. सिंह, पवन पांडे, वीरेंद्र कुमार, इंद्रनिल मुखर्जी, प्रकाश सहाय समेत अन्य शिक्षकगण उपस्थित थे।

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