बिमल चक्रवर्ती
धनबाद : ईस्ट सेन्ट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन की 29वीं केन्द्रीय परिषद् की बैठक समस्तीपुर स्थित मंथन सभागार में 20 दिसंबर को बड़ी जोशपूर्ण माहौल में शुरू हुई। बैठक का प्रारंभ में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित आल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन के महामंत्री, ईसीआरकेयू के महामंत्री एसएनपी श्रीवास्तव तथा अध्यक्ष डी. के. पांडेय द्वारा संयुक्त रूप से यूनियन का झंडोत्तोलन तथा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। बैठक की अध्यक्षता डी. के. पांडेय ने किया। बैठक की औपचारिक शुरुआत करते हुए समस्तीपुर मंडल मंत्री सह सहायक महामंत्री के के मिश्रा तथा केंद्रीय संगठन मंत्री चंद्रशेखर सिंह ने सभी प्रतिनिधियों का स्वागत व आभार प्रकट किया। अपने संबोधन में अपना वक्तव्य रखते हुए ईसीआरकेयू के महामंत्री एसएनपी श्रीवास्तव ने कहा कि आज मजदूर किसान समुदाय सम्पूर्ण देश में अपने अधिकारों और जीवन यापन करने की सुविधाएं छीने जाने की प्रवृत्ति के खिलाफ आंदोलित हैं। देश में बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। पढ़े लिखे नवयुवक अपने भविष्य के प्रति चिंतित है। जो कर्मचारी सेवा में 2004 के बाद सेवा में आए हैं वे अपनी भविष्य के लिए चिंतित हैं क्योंकि उनके पेंशन पर अनिश्चितता छाई हुई है। रेलवे में नये स्टेशन खुल रहे हैं, नये प्रकृति के कार्यों की आवश्यकता उत्पन्न हुई है, परंतु पहले के कार्य शक्ति से ही बढ़े हुए कार्य कराया जा रहा है जिससे उनपर काम का बोझ बढ़ता जा रहा है। निचले स्तर के कर्मचारियों को पदोन्नति के अवसर सृजित नहीं किए जा रहे हैं। इन समस्याओं पर चर्चा करने और और उनके समाधान के उपायों पर निर्णय लेने के लिए इस बैठक का आयोजन किया गया है। अपनी बात रखते हुए एआईआरएफ के महामंत्री कॉ. शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि आज केन्द्र सरकार की नीति सरकारी संस्थानों को नीलाम करने की है और इसका नाममौद्रीकरण रख दिया है। इस खतरे को रोकने के लिए हमें एकजुट रहना होगा। कोरोना काल में समस्त देश ठहर गया था, लेकिन रेलवे कर्मचारियों ने अपनी डियूटी पूरी प्रतिबद्धता के साथ किया है। देश में आवश्यक खाद्य पदार्थों की जहां भी जरूरत हुई त्वरित रूप से पहुंचाने का काम किया। ऐसा नहीं होता तो देश में जितनी संख्या में लोग कोरोना से मरे उससे ज्यादा मौत भूख से हो गई होती। इतना ही नहीं देश में ऑक्सीजन की आपूर्ति की जब जहां जरूरत हुई रेलवे कर्मचारी ने बिना कोरोना से डरे अपने देश को बचाने का काम किया है। हर वर्ष भारतीय रेल के 300 से अधिक कर्मचारी रेल सेवा के दौरान रन ओवर से शहीद हो जाते हैं। देश के विकास में रेल कर्मचारियों का बड़ा योगदान है। रेल कर्मचार ट्रैकमेन्टेनर कर्मचारियों को 4200 ग्रेड पे देने, जीडीसीई के अधीन रिक्त पदों के 50 प्रतिशत को शामिल करने, एल डी सी ई ओपन टू आल करने पर काफी हद तक सहमति बनी है और हमारी कोशिश है कि जल्द इस पर पूर्ण सहमति बन जाएगी। प्वाइंट मैन के उच्च ग्रेड पर पदोन्नति के लिए रेलवे बोर्ड से चर्चा हो रही है. 1800 के 50 प्रतिशत को 1900 में पदोन्नति करने, डी ए और डी आर के एरियर का भुगतान करने, रात्रि भत्ते को बिना किसी सिलिंग के भुगतान करने, नये पेंशन स्कीम के तहत सम्मानित पेंशन राशि के रूप में अंतिम वेतन का पचास प्रतिशत राशि सुनिश्चित, रेल कर्मचारियों के एक आश्रित को रेलसेवा में नियुक्त करने, नये सेक्शन और नये पदों पर नये कर्मचारियों की नियुक्ति करने, महिला रेलकर्मियों के लिए सभी कार्य स्थलों पर अलग से वाशरूम और रेस्टरूम की व्यवस्था करने समेत विभिन्न ज्वलंत समस्याओं और मांगों पर रेलवे बोर्ड स्तर पर फेडरेशन की पहल की जानकारी बैठक में रखीं। इस बैठक में अपर महामंत्री मो ज़्याऊद्दीन, कार्यकारी अध्यक्ष एस एस डी मिश्रा, मिथिलेश कुमार, केन्द्रीय उपाध्यक्ष बिन्दु कुमार, आर के मंडल, संजय कुमार मंडल, बी पी यादव, सहायक महामंत्री ओमप्रकाश, मनीष कुमार, के के मिश्रा, बी बी पासवान, मनोज कुमार पांडेय, श्रीमती मृदुला कुमारी, एस के भारद्वाज, चंद्रशेखर सिंह तथा केन्द्रीय कोषाध्यक्ष सह जोनल सेक्रेटरी ओ पी शर्मा आदि शामिल थे।
उपरोक्त जानकारी ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के एन के खवास ने दी।