बिमल चक्रवर्ती
धनबाद : महिलाओं के साथ बढ़ रही छेड़खानी के मामले को देखते हुए झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। धनबाद सिविल कोर्ट में आयोजित कार्यशाला में जिले के पुलिस पदाधिकारी , महिला समूह की सदस्य, पैरा लीगल वालंटियर उपस्थित थे। जिन्हें छेड़खानी से संबंधित कानूनों के विषय में विस्तृत जानकारी दी गई। कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सह अवर न्यायाधीश निताशा बारला ने कहा कि पहले छेड़खानी जैसे अपराधों में सजा कम होती थी जिस कारण अपराधियों को इसका भय नहीं रहता था, और वह इस तरह के अपराध को अंजाम दे दिया करते थे। अब छेड़खानी जैसे मामलों में सजा के प्रावधान को बढ़ा दिया गया है ।इसमें तीन से पांच वर्ष तक की सजा हो सकती है। वहीं छेड़खानी की पीड़ित यदि नाबालिक हो तो उस पर पोक्सो अधिनियम के तहत भी मुकदमा चलाया जा सकता है। जिसमें अपराध की प्रकृति के हिसाब से अधिकतम सजा का भी प्रावधान है। राह चलती लड़कियों को घूर कर देखना, छींटाकशी करना या शारीरिक रूप से उसे परेशान करना, भी अपराध के दायरे में आता है । परंतु लोग इसके प्रति जागरूक नहीं है। शिकायत के अभाव में कार्रवाई नहीं हो पाती है। महिलाएं अपने अधिकार और उनकी सुरक्षा के लिए बनाए गए कानूनों के प्रति जागरूक नहीं है, जिसका इस्तेमाल कर वह ऐसे अपराधों पर रोकथाम कर सकती है। उन्हें जागरूक बनाने की आज जरूरत है। इसलिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार महिलाओं के अंदर जागरूकता फैलाने के लिए इस तरह का कार्यक्रम आयोजित करता रहा है। उन्होंने बताया कि झारखंड उच्च न्यायालय ने वैसे सभी शिक्षण संस्थान, रेलवे स्टेशन बस स्टैंड, शॉपिंग मॉल, सिनेमाहॉल, थिएटर व अन्य जगह जहां लड़कियां पढ़ती हो या ऐसे सार्वजनिक जगह जहां लड़कियों की उपस्थिति रहती हैं। वैसे जगहों पर सादे लिबास में महिला पुलिस पदाधिकारी तैनात रहेंगे और इस तरह के अपराध को रोकने का काम करेंगे। उन्होंने बताया कि पुलिस को ऐसी किसी भी घटना की सूचना मिलने पर त्वरित कार्रवाई करनी होती है। कार्रवाई करने में लापरवाही करने पर संबंधित पुलिस अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई की जा सकती है। उन्होंने बताया कि झारखंड के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा जिले में महिला हेल्प सेंटर शुरू किया जा रहा है, जिसमें टोल फ्री नंबर होगा जिस पर सूचना मिलते ही उस सूचना को संबंधित थाने को तुरंत प्रेषित कर दिया जाएगा, ताकि त्वरित कार्रवाई हो सके। कार्यशाला को जिला विधिक सेवा प्राधिकार के पैनल अधिवक्ता संजीव कुमार सिंह, ज्ञानेश्वर गिरी ने भारतीय दंड विधान की धारा 354 एवं पोक्सो अधिनियम के विभिन्न धाराओं के विषय में विस्तार से जानकारी दी।