बिमल चक्रवर्ती / राजेश
गोविंदपुर-(धनबाद) : झारखंड राज्य पत्थर व्यवसाई संघ की सभा रविवार को मधुबन होटल गोविंदपुर में हुई। इसमें राजधानी रांची समेत झारखंड के सभी 24 जिलों के प्रमुख पत्थर व्यवसायियों ने भाग लिया। अध्यक्षता साहिबगंज के प्रसिद्ध पत्थर व्यवसाई चंद्रेश्वर प्रसाद सिन्हा ने की। बैठक में खनन एवं पत्थर व्यवसाय में लगाए गए नए टैक्स की समस्या पर विचार किया गया। सभा में झारखंड सरकार द्वारा लगाए गए चेकनाका टैक्स एवं गैराबाद भूमि पर स्थित माइंस लीज के आगामी 10 वर्षों तक नवीकरण के लिए संघर्ष का निर्णय लिया गया। समस्याओं के समाधान के लिए संघ का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलेगा और अपनी समस्याएं रखेंगे । इसके लिए झारखंड राज्य पत्थर व्यवसाई संघ का गठन किया गया है । इसमें साहिबगंज के चंद्रेश्वर प्रसाद सिन्हा अध्यक्ष, पलामू के अनिल कुमार सिंह उपाध्यक्ष, कोडरमा के पंकज कुमार सिंह सचिव, पाकुड़ के किशोर खेमानी संयुक्त सचिव, साहिबगंज के विक्रम प्रसाद सिंह कोषाध्यक्ष, साहिबगंज के ही भगवान भगत उप कोषाध्यक्ष तथा चाईबासा के बासु मदनानी विधि सलाहकार चुने गए। इसके अलावा सभी जिलों से 3–3 प्रतिनिधियों को प्रदेश कमेटी में शामिल किया गया। सभा में विभिन्न जिलों से आए प्रतिनिधियों ने कहा कि चेकनाका टैक्स से पत्थर व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित होगा उससे गिट्टी एवं चिप्स काफी महंगे हो जाएंगे और अधिकांश छोटे क्रशर बंद हो जाएंगे। इसके अलावा 31 मार्च 2022 के बाद गैराबाद भूमि पर अवस्थित खनन पट्टा का नवीकरण नहीं होने से झारखंड के हजारों क्रेशर बंद हो जाएंगे तथा इससे जुड़े हजारों लोग बेरोजगार हो जाऐंगे वक्ताओं ने कहा कि राज्य में लघु खनिज पर खनन विभाग एवं पथ निर्माण विभाग द्वारा 12 सौ रुपए प्रति चालान आने जाने पर चेकनाका चार्ज लगाया जा रहा है। उपरोक्त चार्ज माइंस से क्रशर जाने एवं आने पर 12 सौ रुपए एवं क्रेशर से बाजार में बिक्री के लिए जाने एवं आने पर 12 सौ रुपए प्रति चालान कुल 24 सौ रुपए प्रति चालान लगाया जा रहा है। यह चार्ज ट्रैक्टर , 407, डंपर व हाईवा सभी पर 24 सौ रूपये प्रति चालान माइंस से क्रशर एवं क्रशर से बाजार तक लगाया जा रहा है एवं पिछले कई माह से बकाया दिखाया जा रहा है। संघ के सदस्यों ने कहा कि खनन पट्टा से लेकर क्रशर का रास्ता क्रशर संचालक खुद निर्माण करते हैं । पूर्व में भी रॉयल्टी एवं डीएमएफटी का भुगतान करते आ रहे हैं । वर्तमान में झारखंड में रॉयल्टी की दर 708 रूपये प्रति एक सौ सीएफटी एवं डीएमएफटी 212 . 40 रूपये प्रति एक सौ सीएफटी कुल 920. 40 रूपये प्रति एक सौ सीएफटी लागू है । इसके बाद भी 24 सौ रूपये प्रति चालान गिट्टी जाने एवं आने पर यूजर चार्ज पुनः लगाया जा रहा है। नया यूजर चार्ज लागू होने के बाद झारखंड में प्रति एक सौ सीएफटी 1520. 40 रूपये चार्ज लागू हो जाएगा, जबकि पड़ोसी पश्चिम बंगाल में रॉयल्टी की दर 368 रुपैया प्रति एक सौ सीएफटी लागू है। झारखंड में नया यूजर चार्ज इस व्यवसाय के लिए न्याय संगत नहीं है । पत्थर व्यवसायियों ने कहा कि नए यूजर चार्ज से से झारखंड में पत्थर उद्योग तबाह हो जाएगा। उन्होंने कहा कि झारखंड में अधिकांश माइंस गैर आबाद भूमि पर अवस्थित है, और इन पत्थर खदानों की लीज अवधि 31 मार्च 2022 को समाप्त हो रही है और सरकार ने यदि इसका नवीकरण नहीं किया तो झारखंड के हजारों पत्थर खदान बंद हो जाएंगे। और इसका असर इन खदानों में कार्यरत हजारों मजदूरों की रोजी-रोटी पर भी पड़ेगा। मजदूर, वाहन मालिक, ट्रांसपोर्टर , चालक आदि बेरोजगार हो जाएंगे और इसका असर झारखंड सरकार के राजस्व पर भी पड़ेगा। इस प्रदेश व्यापी सभा को सफल बनाने में धनबाद जिला पत्थर व्यवसाई संघ के कार्यकारी अध्यक्ष जगदीश सिंह, पूर्व मुखिया गयासुद्दीन अंसारी, जगदीप अग्रवाल, असित मंडल, मोहन ग्रोवर अफजल अंसारी, महेंद्र कुमार सिंह संतोष मुंशी, गुड्डू अंसारी आदि का सकरी सहयोग रहा