बिमल चक्रवर्ती

धनबाद: विवेक देवराय कमिटी जिसने अपनी अनुशंसाएं वर्ष 2015 में केन्द्र सरकार को सौंपी थी। इस रिपोर्ट में रेलवे स्कूलों को बंद करने के प्रस्ताव भी था, जिस पर अमल करते हुए रेलवे बोर्ड ने रेलवे के कई स्कूलों को बंद कर दिया और कुछ को नजदीकी रेलवे स्कूलों में समाहित कर दिया। सरकार के इस कदम का ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन के आह्वान पर ईसीआरकेयू समेत सभी जोनल यूनियनों ने प्रतिरोध किया था। फेडरेशन ने लगातार विभिन्न स्तर पर रेलवे स्कूलों के बचाव और बेहतर प्रबंधन के साथ संचालन करने की मांग रखी ताकि रेलवे प्रक्षेत्र और आसपास के लोग अपने बच्चों को सुगम और गुणवत्ता युक्त शिक्षा मिल सके। अंततः वर्तमान सरकार ने फेडरेशन की मांग में रेलकर्मियों और सामान्य जनता के भावनाओं पर विचार करते हुए रेलवे स्कूलों के संचालन के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं। उक्त जानकारी देते हुए ईसीआरकेयू के केंद्रीय अध्यक्ष डीके पांडेय धनबाद के शाखा सचिव एके दा और मिडिया प्रभारी एन के खवास ने जानकारी दी है, कि गुरुवार को इस संबंध में रेलवे बोर्ड ने सभी महाप्रबंधकों को विस्तृत रूप से चरणबद्ध तरीके से रेलवे स्कूलों को फिर से संचालित करने के लिए कहा है। आदेश में यह भी कहा गया है कि आवश्यक संसाधन की व्यवस्था की जाए और अनुबंध के आधार पर शिक्षकों की बहाली भी की जाए। उन्होंने कहा कि इसके बाद रेलवे स्कूलों में फिर से रौनक लौटेगी और रेलकर्मियों के बच्चों को रेलवे प्रक्षेत्र में ही बेहतर शिक्षा की व्यवस्था मिलेगी। सरकार के इस निर्णय पर रेलकर्मियों में व्यापक खुशी का माहौल है।

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