डिजिटल प्लेटफार्म पर मनायी गयी जयंती में जुड़े अमेरिका, सिंगापुर व विभिन्न देशों के सैकड़ों अतिथि, जयंती पर विशेष संगत-पंगत का आयोजन
विजय शंकर
पटना । देशरत्न और भारत रत्न, भारतीय सॅंविधान सभा के अध्यक्ष और भारत के तीन बार राष्ट्रपति रह चुके डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद की जयंती के सुअवसर पर विशेष संगत-पंगत का आयोजन भाजपा के संस्थापक सदस्य व पूर्व सांसद आर.के. सिन्हा की अध्यक्षता में डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आयोजित की गई। कार्यक्रम में भारत के विभिन्न राज्यों समेत संयुक्त राज्य अमेरिका, सिंगापुर व विभिन्न देशों के सैकड़ों अतिथियों ने उत्साह के साथ भाग लिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूर्व सांसद आर.के.सिन्हा ने कहा कि वे डाक्टर राजेंद्र प्रसाद की अंत्येष्टि में शामिल हुए थे I लेकिन, उन्हें और तमाम लोगों को उस वक्त गहरा धक्का लगा था जब जवाहर लाल नेहरू उनके अंत्येष्टि में शामिल नहीं हुए। श्री सिन्हा ने राजेंद्र बाबू के जीवन के अंतिम दिनों के किस्सों को साझा किया तथा यह सब बताते हुए वे कई बार भावुक भी हो गये ।
कार्यक्रम को भावुकता के साथ संगीत की ओर जोड़ते हुए अमेरिका से जुड़े प्रभात कुमार ने देशभक्ति गीत व क्लासिकल संगीत से कार्यक्रम में चार चांद लगा दिये।
कार्यक्रम की शुरुआत चित्रगुप्त आरती से हुई जिसे प्रसिद्ध लोकगायिका मनीषा श्रीवास्तव के सुरीले स्वरों के साथ सभी अतिथियों द्वारा पूर्ण किया गया। मनीषा जी देशरत्न के जीवन वृतांत को लोकगीत के माध्यम से बेहतर संजीदगी दी, जिसे कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों द्वारा सराहा गया।
तत्पश्चात कई वक्ताओं ने कायस्थ रत्न डाक्टर राजेंद्र प्रसाद के जीवनवृत के अनछुए पहलुओं को जागृत किया जिसमें बनारस हिन्दू विश्वविदियालय के प्रो.संजय श्रीवास्तव ने देशरत्न के सरलता के किस्सों को उद्धृत किया। तदोपरांत सुशील श्रीवास्तव, धर्मवीर श्रीवास्तव, लखनऊ ने कविता रूप में प्रथम राष्ट्रपति के असाधारणता को दर्शाया। पटना के कुमार अनुपम ने भी राजेन्द्र बाबू से जुडे कई तथ्यों का रहस्योघाटन किया।