उत्तराखंड ब्यूरो
रुडकी / हरिद्वार : कोरोना महामारी ने लोगों को दफ्तरों से घरों में ला दिया। कोरोना वारियर्स को छोड़कर करीब 8-10 महीने लोग घरों में कैद रहे। लेकिन, कोरोना योद्धाओं ने अपनी जिम्मेदारी को और गंभीरता व मजबूती संभाला। कोरोना संक्रमित होने का डर छोड़कर रात-दिन अपने काम में जुटे रहे। ऐसे ही एक कोरोना योद्धा हैं ड्रग्स इंस्पेक्टर मानवेंद्र राणा। उन्होंने कोरोना काल में उत्तराखंड में अब तक के सबसे बड़ा खुलासा किया । करीब पांच करोड़ की नकली दवाओं का जखीरा पकड़ा। मामले की जांच अब भी जारी है । केवल उत्तराखंड में ही नहीं, बल्कि देश के कई राज्यों में फैला हुआ नकली दवाओं का काला कारोबार है। इसकी गहरी जड़ों को मानवेंद्र राणा के होसलों ने उखाड़ दिया। ड्रग इंस्पेक्टर मानवेन्द्र राणा द्वारा पकड़े गये नकली दवा के कारोबार के तार कई राज्यों से जुड़े हुए है ।
ड्रग इंस्पेक्टर मानवेन्द्र राणा ने कोरोना जंग में शिद्दत से ड्यूटी कर रहे है । लगातार नकली दवा के कारोबारियों के खिलाफ कार्यवाही कर रहे है । ड्रग इंस्पेक्टर मानवेन्द्र राणा की सर्जिकल स्ट्राइक ने नकली दवा कारोबारियों की कमर तोड़ दी है । रूडकी क्षेत्र में चल रहे नकली दवा के कारोबार को ध्वस्त करने के लिए ड्रग इंस्पेक्टर मानवेन्द्र राणा पुरे मनोयोग से जुटे हुए है । कुछ दिन पूर्व ही ड्रग इंस्पेक्टर मानवेन्द्र राणा ने छापामार कर लगभग 05 करोड़ रूपये की नकली दवा पकड़ी थी जिसमे 04 लोगो को गिरफ्तार किया गया था । इस नकली दवा की बड़ी खेप पकड़ने के बाद तो नकली दवा के कारोबारियों में दहशत का माहौल पैदा हो गया और वह अब नकली दवा का कारोबार कर लोगो की जन्दगी से खिलवाड़ करने वाले हजार बार सोचेंगे कि ड्रग इंस्पेक्टर मानवेन्द्र राणा कब किस पर प्रहार कर दे ।
रूडकी में ड्रग इंस्पेक्टर मानवेन्द्र राणा के द्वारा अवैध नकली दवा का बड़ा जखीरा पकड़ा, जिसमें फर्जी लाइसेंस और कम्पनी के नाम पर दवा बनाई जा रही थी । इसमें HPHIN फर्मास्यूटिकल 110/2 सेक्टर 5 सिडकुल उधमसिंह नगर के नाम पर CAN CARE PHARMA नन्हेडा में बन रही थी. जिसका बड़ा खुलासा ड्रग इंस्पेक्टर मानवेन्द्र राणा के द्वारा किया गया था । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिस लाइसेंस पर दवाई बन रही थी वह भी जाँच में फर्जी पाया गया है जिसका नम्बर 88/LL/UA/SC/P-2013 दिखाया गया है । जांच के दौरान ड्रग विभाग को एक लाइसेंस मिला है जिस पर ड्रग कंट्रोलर के फर्जी हस्ताक्षर है ।
बताते चले कि नकली दवा के ये कारोबारी बड़े पैमाने पर DSR, एंटीबायोटिक सहित कई दवाओ को नकली बनाकर बाजार में बेच रहे थे । ड्रग इंस्पेक्टर मानवेन्द्र राणा की बड़ी सूझ बुझ के चलते ही यह लोग पकड़ में आयें और यह बड़ा जखीरा पकड़ा गया नही तो पता नही कितने लोगो की जिन्दगी से खिलवाड़ होता ।
ड्रग इंस्पेक्टर मानवेन्द्र राणा द्वारा पकड़े गये इस नकली दवा के कारोबार के तार कई राज्यों से जुड़े हुए है । जानकारी के अनुसार रूडकी नकली दवा के तार भारत के कई राज्यों के बड़े शहरो एवं कई राज्यों से जुड़े हुए है जिनमें से कर्नाटक, उड़ीसा, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, हिमाचल, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मध्यप्रदेश और पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों से जुड़े हुए है । पता चला है कि अभी इस मामले में बड़े स्तर पर जांच चल रही है जिसमें कई और खुलासे होने की भी सम्भावना से नकारा नही जा सकता है ।