बिहार ब्यूरो 

पटना : शराबबंदी को लेकर कल हुए उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में लिए गए निर्णय के बाद बिहार प्रदेश कांग्रेस के मीडिया कमेटी के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार के इस निर्णय से पूरे प्रदेश में थानेदारों की हालत सांप- छछूंदर की भांति हो जाएगी। जिस प्रकार ना सांप छछूंदर को निगल सकता है ना उगल सकता है।उसी प्रकार सरकार के द्वारा इतने जवाबदेही दिए जाने के बाद थानेदार भी ना अवैध शराब की बिक्री रोक पाएंगे ना पकड़ पाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर किसी थाना क्षेत्र में शराब बिकती है तब भी कार्रवाई थानेदार पर होगा। अगर बरामद होती है तब भी जिम्मेदार थानेदार ही माने जाएंगे। ऐसे में प्रदेश के सभी थाना प्रभारी अत्यधिक दबाव में काम करेंगे। जिसका प्रतिकूल प्रभाव राज्य के विधि व्यवस्था पर पड़ेगा।उन्होंने कहा कि थाना प्रभारियों के जिम्मे विधि व्यवस्था, प्रोटोकॉल, यातायात, आपराधिक मामलों की जांच सरीखे कई महत्वपूर्ण कार्य होते हैं। सरकार अगर इसी प्रकार प्रेशर पॉलिसी अपनाए रखती है तो राज्य भर में थाना प्रभारी विधि व्यवस्था, आपराधिक मामलों की जांच तथा अन्य महत्वपूर्ण मसलों को छोड़कर सिर्फ शराबबंदी में जुट जाएंगे।ऐसे में राज्य में आपराधिक वारदातों में वृद्धि की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी के लिए सरकार को विस्तृत तथा कारगर योजना बनानी चाहिए। सिर्फ थाना प्रभारियों के माथे शराबबंदी की सफलता की जिम्मेदारी नहीं थोपनी चाहिए। शराबबंदी को प्रभावी तरीके से लागू किए जाने के लिए राज्य सरकार को संदर्भित अन्य विभागों के पदाधिकारियों-कर्मचारियों को लेकर विशेष कार्यबल का गठन करना चाहिए। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग किया है कि प्रदेश में विधि व्यवस्था के महत्वपूर्ण मसले के मद्देनजर बिहार पुलिस के थाना प्रभारियों के सिर पर शराबबंदी के नाम पर प्रेशर पॉलिसी में बदलाव लाएं।

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