नवराष्ट्र मीडिया नेशनल ब्यूरो

नई दिल्लीः प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने उत्तराखंड, दिल्ली व हरियाणा के 17 ठिकानों पर छापेमारी की है। यह छापेमारी धनशोधन अधिनियम के तहत बिरेंद्र सिंह कंदारी, ब्रिज बिहारी शर्मा, किशनचंद व अन्य के खिलाफ 2002 में दर्ज मामले के तहत किया गया है।

छापेमारी के दौरान टीम को 1.10 करोड़ नकदी, 1.3 किलोग्राम सोना, 10 लाख मूल्य की विदेशी करेंसी कई बैंक लॉकर की जानकारी, कई संदेहास्पद कागजात बरामद हुए।

उत्तराखंड पुलिस की ओर से दर्ज मामले को आधार मानकर ईडी ने इस मुकदमे को अपने हाथ में लिया था।

ईडी के अनुसंधान में जानकारी मिली थी कि उत्तराखंड के पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत के नजदीकी बिरेंद्र सिंह कंदारी व नरेंद्र कुमार वालिया ने हरक सिंह रावत के साथ साजिश कर पावर ऑफ एटोर्नी के तहत एक जमीन को हथिया लिया जिसे एक न्यायालय ने रद्द कर दिया। फिर आरोपियों ने इस भूमि को हरक सिंह रावत की पत्नी दीप्ति सिंह रावत व लक्ष्मी सिंह को अवैध रूप से बेच दिया।

यहां फिर श्रीमती पूर्ना देवी मेमोरियल ट्रस्ट के तहत दून इंस्टिच्यूट ऑफ मेडिकल साइंस नाम से एक संस्थान खोल दिया गया। ईडी ने इस मामले में विजिलेंस एस्टिब्लिशमेंट, देहरादून की ओर से दर्ज प्राथमिकी को आधार मानते हुए अनुसंधान अपने हाथ में लिया।

ईडी के अनुसंधान में यह भी जानकारी मिली कि आरोपी किशन चंद ने तत्कालीन प्रमंडल वन पदाधिकारी ब्रिज बिहारी शर्मा, तत्कालीन वन रेंजर व राजनेता हरक सिंह रावत के साथ मिलकर एक टेंडर निकाला जो सरकारी नियम के खिलाफ था। उन्होंने फर्जी दस्तावेज का उपयोग कर टाईगर फाउंडेशन की मद से राशि निकालकर सरकारी खजाने को करोड़ों का चूना लगाया। साथ ही 163 पेडों को काटने की एवज में 600 पेड़ों को काटा। मामले में अनुसंधान जारी है।

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