बाप लालू से ज्यादा बेटी रोहिणी को चाह रहे हैं वोटर , कहीं फिर न टूटे मत का रिकार्ड
लव कुमार मिश्रा,
वरिष्ठ संपादक, नवराष्ट्र मीडिया
पटना : मार्च 1977 में लालू प्रसाद यादव ने 29 साल की उम्र में छपरा से 4.86 लाख मत प्राप्त कर लोक सभा में प्रवेश किया,कांग्रेस के पराजित सिटिंग सांसद ( श्री रामशेखर सिंह)को सिर्फ 41609 वोट मिले थे । बाद में 1980 में श्री यादव नौ हजार वोट से सत्यदेव सिंह से हार गए । आज फिर हालत बदल गए हैं । बाप लालू लालू प्रसाद यादव से ज्यादा बेटी रोहिणी को वोटर चाह रहे हैं जो भीड़ व उत्साह बता रही है । वोटर कहीं फिर न तोड़ दें मत का पुराना रिकार्ड,इसकी चर्चा भी चौक चौराहों पर होने लगी है ।
मैं अंग्रेजी दैनिक द सर्चलाइट में नौकरी करता था,पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ जिसके अध्यक्ष श्री यादव रहे,का सदस्य भी था ।
हमलोग_ लालू जी,बिहार पशु चिकित्सा महाविद्यालय के छात्र,श्री जगदीश शर्मा और एक साले साहेब छपरा जाने के लिए महेंद्रू घाट से रेलवे के पानी जहाज से साधारण दर्ज़ का टिकट लेकर गंगा नदी की उत्तर साइड में पहलेजा घाट पहुंचे, वहां से सोनपुर और फिर छपरा के लिए साठ रुपए प्रतिदिन के हिसाब से एक खुली साधारण जीप लिया ।
बीएलडी के उम्मीदवार लालू जी,चौड़े मोहरे वाला पैजामा तथा झूलता हुआ कमीज पहने थे । उनका आश्रय राम बाबू राय के यहां होता। उन्ही के आंगन में हमलोग खुले आसमान के नीचे खटिया ( चौकी नही) पर रात में सोते। उम्मीदवार देर रात तक दरवाजे दरवाजे घूमते, कहीं पूड़ी सब्जी,कहीं चावल दाल भोजन हो जाता, कांग्रेस उम्मीदवार श्री रामशेखर सिंह राजपूत थे । उनकी जात के वोटर्स भी बहुत थे । लालू जी राजपूत घरों में भी जाते,घर के बुजुर्ग माता को चरण स्पर्श कर आशीर्वाद भी लेते,पैसा भी। देर रात_ कभी तो आधी रात के बाद अपने थिया पर सोने के लिए वापस आते, भयानक गर्मी में भी बीना पंखा के सो जाते।
हमलोग निर्वाचन अधिकारी से सर्टिफिकेट लेकर उसी रास्ते महेंद्रू घाट उतरे,इस बार एंबेसडर टैक्सी ली,महावीर मंदिर और फिर वेटेरिनरी कॉलेज का चपरासी क्वार्टर्स।
आज 45 वर्षीय रोहिणी भी उसी छपरा से चुनाव में है।10 सर्कुलर रोड से चुनावी यात्रा फर्चुनर और अति अध्यातुनिक वातानुकालित गाड़ियों के समूह से शुरू होती है । उम्मीदवार जेपी सेतु से निर्वाचन क्षेत्रों में अपने समर्थकों के साथ प्रवेश करती हैं । गांव में नही रुकती है,शाम में फिर पटना में सर्कुलर रोड बंगला में विश्राम । एक बार छपरा बस स्टैंड के पास एक प्रभावशाली नेता के होटल में विश्राम किया । उन्ही के पार्टी के एक विधायक का भी आलीशान निवास भी है। वातनकुलित एसयूवी से ज्यादा समय बाहर रहने से स्वास्थय पर प्रतिकूल प्रभाव, 1977 में इनके पिता जी के जीप पर माला नही के बराबर,आज इनकी और साथ वाले suv पर माला और फूल पूरा ढका रहता है। लालू जी को मिनरल वाटर बॉटल नही मिल पाता था 1977 में। मगर आज सबकुछ बदला सा है , बेटी रोहिणी के प्रति लोगों का प्रेम , सपोर्ट ऐसा दिख रहा है जैसे मतदाता उन्हें संसद तक पहुँचाने की ठान चुके हैं ।