गाजियाबाद ब्यूरो
गाजियाबाद। साइबर सेल और थाना इंदिरापुरम पुलिस ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए गुरुवार को एक फर्जी आईपीएस अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया। वह अब तक 100 से अधिक लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये ठग चुका है। आरोप है कि यह युवक खुद को कभी आईएएस तो कभी आईपीएस अधिकारी बताता था। लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर मोटी रकम ऐठ लेता। सीओ इंदिरापुरम ने बताया कि आरोपित के खिलाफ इंदिरापुरम के वैशाली निवासी एक सेवानिवृत कर्नल और उनकी पत्नी की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई है। आरोपी उन्हें भी ठग चुका है। मामले की दिल्ली और एनसीआर सहित अन्य जिलों में भी गहन जांच-पड़ताल की जा रही है।
पुलिस के अनुसार आरोपित अनुज प्रकाश (27) गाजियाबाद के थाना विजयनगर अंतर्गत सुपरटेक रिपब्लिक क्रासिंग का रहने वाला है। उसने दिल्ली से मास कम्यूनिकेशन की पढ़ाई की है और दो न्यूज चैनलों में काम भी कर चुका है। इसके अलावा गाजियाबाद से सेवानिवृत एक डिप्टी एसपी का दामाद है। आरोपित के पास से एक मोबाइल फोन और एक लॉपटॉप बरामद हुआ है। इसको गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में थाना इंदिरापुरम के प्रभारी निरीक्षक, उप निरीक्षक यतेन्द्र कुमार, साइबर सेल के सुमित कुमार, हेक कांस्टेबल सुभाष चंद्र और कांस्टेबल दीपक कुमार शामिल हैं।
17 जून को ‘राष्ट्रीय जनमोर्चा’ को सीओ ने बताया कि आरोपित की बेटी मोरटा स्थित नारायणा ई-टेक्नो स्कूल में पढ़ती है। उस स्कूल में वैशाली सेक्टर नौ निवासी शेफाली हुड्डा वाइस प्रिसिंपल थीं। शेफाली के पति आर हुड्डा सेवानिवृत मेजर हैं। स्कूल में अनुज ने खुद को आईपीएस अधिकारी बताया था। इसके चलते शेफाली और अनुज की जान- पहचान हो गई। फरवरी 2019 में स्कूल में वार्षिक कार्यक्रम में उसे मुख्य अतिथि भी बनाया गया। लेकिन अनुज ने शेफाली के पति को सिगापुर की एक कंपनी में नौकरी दिलाने का झांसा दिया और उनके पति आर हुड्डा से 4.62 लाख रुपये ले लिए। बाद में शेफाली ने स्कूल से नौकरी छोड़ी तो अनुज ने एक कंपनी में पीआरओ की नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे भी 3.90 लाख रुपये हड़प लिए। लेकिन जब आरोपित नौकरी नहीं दिला पाया तो उन्हें शक हुआ। उन्होंने पुलिस से शिकायत की। जांच में पता चला कि अनूप ने सुनील सिंह नामक एक व्यक्ति से भी 40 हजार रुपये ठगे हैं और इस मामले की भी रिपोर्ट दर्ज हुई थी।
करोड़ों रुपये का किया लेनदेन:
साइबर सेल प्रभारी सुमित कुमार ने बताया कि आरोपित का आरडीसी स्थित एक बैंक का खाता खंगाला गया है। इसमें पता चला है कि अनुज दो साल में अपने खाते में 1.97 करोड़ रुपये का लेनदेन कर चुका है। जांच में उसके कई और खाते प्रकाश में आए हैं। पुलिस इन खातों की भी जांच कर रही है।
नोएडा के एक पुलिस अधिकारी के नाम पर भी ठगी:
पूछताछ में पता चला है कि उसने एक पुलिसकर्मी से नोएडा के एक पुलिस अधिकारी का पीआरओ बनाने के नाम पर भी ठगी की थी। फिलहाल इस संबंध में पुलिस को कोई शिकायत नहीं मिली है। पुलिस संबंधित पुलिसकर्मी के बारे में जानकारी जुटा रही है।
पुलिस के अनुसार आरोपित अनुज प्रकाश (27) गाजियाबाद के थाना विजयनगर अंतर्गत सुपरटेक रिपब्लिक क्रासिंग का रहने वाला है। उसने दिल्ली से मास कम्यूनिकेशन की पढ़ाई की है और दो न्यूज चैनलों में काम भी कर चुका है। इसके अलावा गाजियाबाद से सेवानिवृत एक डिप्टी एसपी का दामाद है। आरोपित के पास से एक मोबाइल फोन और एक लॉपटॉप बरामद हुआ है। इसको गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में थाना इंदिरापुरम के प्रभारी निरीक्षक, उप निरीक्षक यतेन्द्र कुमार, साइबर सेल के सुमित कुमार, हेक कांस्टेबल सुभाष चंद्र और कांस्टेबल दीपक कुमार शामिल हैं।
17 जून को ‘राष्ट्रीय जनमोर्चा’ को सीओ ने बताया कि आरोपित की बेटी मोरटा स्थित नारायणा ई-टेक्नो स्कूल में पढ़ती है। उस स्कूल में वैशाली सेक्टर नौ निवासी शेफाली हुड्डा वाइस प्रिसिंपल थीं। शेफाली के पति आर हुड्डा सेवानिवृत मेजर हैं। स्कूल में अनुज ने खुद को आईपीएस अधिकारी बताया था। इसके चलते शेफाली और अनुज की जान- पहचान हो गई। फरवरी 2019 में स्कूल में वार्षिक कार्यक्रम में उसे मुख्य अतिथि भी बनाया गया। लेकिन अनुज ने शेफाली के पति को सिगापुर की एक कंपनी में नौकरी दिलाने का झांसा दिया और उनके पति आर हुड्डा से 4.62 लाख रुपये ले लिए। बाद में शेफाली ने स्कूल से नौकरी छोड़ी तो अनुज ने एक कंपनी में पीआरओ की नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे भी 3.90 लाख रुपये हड़प लिए। लेकिन जब आरोपित नौकरी नहीं दिला पाया तो उन्हें शक हुआ। उन्होंने पुलिस से शिकायत की। जांच में पता चला कि अनूप ने सुनील सिंह नामक एक व्यक्ति से भी 40 हजार रुपये ठगे हैं और इस मामले की भी रिपोर्ट दर्ज हुई थी।
करोड़ों रुपये का किया लेनदेन:
साइबर सेल प्रभारी सुमित कुमार ने बताया कि आरोपित का आरडीसी स्थित एक बैंक का खाता खंगाला गया है। इसमें पता चला है कि अनुज दो साल में अपने खाते में 1.97 करोड़ रुपये का लेनदेन कर चुका है। जांच में उसके कई और खाते प्रकाश में आए हैं। पुलिस इन खातों की भी जांच कर रही है।
नोएडा के एक पुलिस अधिकारी के नाम पर भी ठगी:
पूछताछ में पता चला है कि उसने एक पुलिसकर्मी से नोएडा के एक पुलिस अधिकारी का पीआरओ बनाने के नाम पर भी ठगी की थी। फिलहाल इस संबंध में पुलिस को कोई शिकायत नहीं मिली है। पुलिस संबंधित पुलिसकर्मी के बारे में जानकारी जुटा रही है।