नया बहाना बनाया आर्थिक पिछड़ापन के कारण हो रही है मौतें
नवराष्ट मीडिया ब्यूरो
पटना।बिहार में शराबबंदी के बावजूद विभिन्न जिलों में लगातार जहरीली शराब से मौतों हो रही हैं।
इन घटनाओं के बाद राज्य सरकार को बैकफुट पर है । सरकार के मंत्री जहरीली शराब को सीधे तौर पर कारण मानने से इंकार कर रहे हैं । उनका कहना है कि आर्थिक पिछड़ापन के कारण है लोग गलत धंधे को कर रहे हैं और ये मौतें हो रही हैं।
मालूम हो कि गोपालगंज, नालंदा, बक्सर आदि जिलों में हुई मौतों के बाद सरकार की काफी फजीहत हुई है. नीतीश कुमार विपक्ष के साथ-साथ सहयोगी पार्टियों के निशाने पर भी आ गये थे. अब इस पर सरकार की सफाई आई है.
बिहार सरकार के मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार का कहना है कि राज्य में जहरीली शराब से मरने का कारण शराबबंदी नहीं है. आर्थिक रूप से पिछड़ापन ही मौत का कारण है।
मंत्री ने कहा कि आर्थिक पिछड़ापन के कारण कुछ लोग गलत धंधे में लग जाते हैं. गलत तरीके से शराब बनाने लगते हैं. सस्ता होने की वजह से लोग उसे खरीद लेते हैं. तब ऐसे हादसे होते हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी हमेशा कहते रहते हैं कि गलत चीज पीयेंगे तो जान से हाथ धोयेंगे।
मंत्री सुनील कुमार ने आगे कहा कुछ राजनीतिक दल बिहार में भ्रम फैला रहे हैं. बिहार में शराबबंदी कानून लागू है, जहरीली शराब से उसका कोई संबंध नहीं है. जो लोग ऐसा बयान दे रहे है वो गलत है. शराबबंदी कानून के पहले भी जहरीली शराब से लोगों की मौत हुई थी।
मंत्री ने कहा कि ये आंकड़े बताते है कि जहरीली शराब से जो मौत होती है, उसका शराबबंदी कानून से कोई मतलब नहीं है. जहरीली शराब से मौत अवैध शराब या गलत तरीके से बनने वाले शराब से होती है. पुलिस विभाग व एक्साइज विभाग ने भी कड़ी कार्रवाई की है. लगातार इसकी समीक्षा भी की जा रही है ताकि जो कमियां है उसको दूर किया जा सके।
उन्होंने कहा कि एक लाख 19 हजार लोगों की गिरफ्तारी हुई. तीन हजार गाड़ी जब्त की गई. 86 हजार लीटर शराब जब्त किए गए. नीरा को बढ़ावा दिया जा रहा है. 30 हजार परिवार को जोड़ा गया है. 80 करोड़ से अधिक राशि का वितरण किया गया है. जिलों में जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है. 225 से अधिक पुलिस कर्मियों को बर्खास्त किया गया है. दर्जनों एक्साइज विभाग के कर्मियों पर भी कार्रवाई की गई. ड्रोन से ट्रायल भी शुरू किया गया. चार ड्रोन से विभिन्न जिलों में 171 जगहों पर छापेमारी की गई. वहीं 71 लोगों को गिरफ्तार किया गया. वहीं निबंधन विभाग के डाटा ऑपरेटर हड़ताल पर कहा कि किसी भी हाल में राजस्व की हानि नहीं होगी. करीब 80 प्रतिशत से अधिक लोगों से नए स्थान पर योगदान देना शुरू कर दिया है. जो भी काम में विलंब हुआ है उसे एक-दो दिनों में पूरा कर दिया जाएगा.