श्याम किशोर
गया- अखिल भारतीय महात्मा ज्योतिबा फुले विचार मंच के बैनर तले सोमवार को देश की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्री बाई फुले की जयंती गया के गांधी मंडप में मनाई गई।
मंच के राष्ट्रीय संयोजक सह राजद नेता विनय कुशवाहा ने सावित्री बाई फुले के तैल चित्र पर माल्यर्पण करते हुए कहा कि सावित्री बाई फुले ने देश की महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। उन्हीने कहा कि जिस समय पूरा समाज जात- पात, छुआछूत ,ऊंच-नीच ,बाल विवाह, एवं विधवाओं का पुनर्विवाह ना करना जैसी सामाजिक कुरीतियों से जकडा हुआ था। महिलाओं के पढ़ने लिखने की बात तो दूर घर से बाहर निकलने की आजादी नहीं थी दासियों की तरह महिलाओं पर पुरुषों का वर्चस्व था पढ़ने लिखने की आजादी तो थी ही नहीं महिलाओं को जानवर की तरह से सलूक किया जाता था। सबसे बुरी स्थिति दलित पिछड़े महिलाओं की थी जिसके छुआछूत के कारण समाज में बहिष्कृत नजरिया से उन्हें देखा जाता था महिलाएं पढ़े-लिखे नहीं होती इसलिए खुद की लड़ाई नहीं लड पाती थी।उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि
सावित्रीबाई फुले का भी विवाह महज 9 वर्ष की उम्र में 13 वर्ष के ज्योतिबा फुले के साथ हुआ था लेकिन बाल विवाह होने के उपरांत सावित्रीबाई फुले में जागृति आई और उनके पति ज्योतिबा फुले ने सबसे पहले सावित्रीबाई फुले को खुद पढाया। शिक्षा प्राप्त करने के बाद सावित्रीबाई फुले ने महिलाओं और लड़कियों के पढ़ाने का संकल्प लिया क्योंकि वह जानती थी की शिक्षा के बगैर सब जानवर है उन्होंने मराठा कविता में इसका वर्णन भी किया है( ज्ञान के बिना सब खो जाता है ज्ञान के बगैर हम सभी जानवर बन जाते हैं इसलिए आओ खाली मत बैठो शिक्षा ग्रहण करो) इस तरह से सावित्रीबाई फुले अपने पति ज्योतिबा फुले के साथ मिलकर3 जनवरी 1848 को महिलाओं के लिए सबसे पहले स्कूल की स्थापना की और खुद पढ़ाना चालू किया। समाज के ठेकेदारों से खूब लड़ी सावित्रीबाई फुले और आखिरकार सफलता भी मिली इस देश के महिलाओं के लिए सावित्रीबाई फुले आदर्श है।
श्री कुशवाहा ने राज्य की सरकार से भी जयंती समारोह के माध्यम से निम्नलिखित मांग की है-
1- सावित्रीबाई फुले के नाम से राज्य सरकार भी महिला ज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना करें।
2-शैक्षणिक पाठ्यक्रम में सावित्रीबाई फुले की जीवनी को पढ़ाया जाए ताकि लड़कियों में अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ने की साहस मिले।
3- राजकीय समारोह के रूप में सावित्रीबाई फुले की जयंती समारोह मनाया जाए।
4- शैक्षणिक क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले लड़कियों को सावित्रीबाई फुले सम्मान से सम्मानित किया जाए।
जयंती समारोह की अध्यक्षता मंच के जिला संयोजक डॉ अशोक कुमार ने किया ।