बिहार ब्यूरो
हाजीपुर/पटना : बिदुपुर थाना कांड संख्या 418/20 अमरजीत कुमार हत्याकांड के सभी नामजद अभियुक्तों को गिरफ्तार करने, डीएपी, यूरिया सहित अन्य खाद सरकारी दर पर उपलब्ध करवाने, नीलगाय और आवारा पशुओं से फसलों की रक्षा के लिए शूटर से मरवाने या पकड़कर वन क्षेत्र में छोड़ने अन्यथा शत-प्रतिशत अनुदान पर किसानों के कुल कृषि योग्य जमीन को कटीले तार से घेराबंदी करवाने, शहर तथा ग्रामीण इलाके से जल निकासी के लिए अवरुद्ध स्रोतों को चालू करके जल निकासी का प्रबंध करने, किसानों ,बटाईदारों के सभी तरह के कर्जको माफ करने की मांग पर अखिल भारतीय किसान महासभा तथा भाकपा माले के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने किसान महासभा के राज्य अध्यक्ष विशेश्वर प्रसाद यादव ,जिला अध्यक्ष सुमन कुमार ,जिला सचिव अरविंद कुमार चौधरी ,किसान नेत्री डॉक्टर प्रेमा देवी ,भाकपा माले जिला सचिव योगेंद्र राय के नेतृत्व में अनवरपुर चौक से जुलूस निकाला । जुलूस सिनेमा रोड ,राजेंद्र चौक ,कचहरी रोड, गांधी चौक ,होते समाहरणालय पर पहुंचकर जोरदार प्रदर्शन किया ,समाहरणालय परिसर में किसान नेता, जगन्नाथ चंद्रवंशी, हरि नारायण सिंह, के अध्यक्षता में आयोजित सभा को दीनबंधु प्रसाद ,रामबाबू भगत ,रामबाबू पासवान ,मोहम्मद खलील ,रामनाथ सिंह ,लाला प्रसाद सिंह, उमेश राय, राजबल्लभ राय, दिनेश राय, मंजय कुमार राय ,रामनरेश राय, डॉक्टर बी सिंह ,रामजतन राय, सुरेश राय, राम भजन पंडित, मजिनदरशाह सहित अनेक नेताओं ने सभा को संबोधित किया ।
सभा को संबोधित करते हुए किसान महासभा के राज्य अध्यक्ष विशेश्वर प्रसाद यादव ने कहा कि न्याय के साथ विकास का राज चलाने की ढिंढोरा पीटने वाली नीतीश के राज में डेढ़ वर्ष पूर्व गरीब किसान का बेटा अमरजीत कुमार की हत्या सामंती ताकतों ने करी थी जिसका बिदुपुर थाना कांड संख्या 418/20 दर्ज हुआ, अनुसंधान में नामजद अभियुक्तों के खिलाफ कांडसही साबित होने, के बावजूद अभियुक्तों की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई, दूसरी तरफ डीएपी, यूरिया के लिए मारामारी है । नीलगाय और आवारा पशुओं के कारण किसानों ने खेती करना छोड़ देने का मन बना लिया है । नीलगाय और आवारा पशुओं द्वारा फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया जाता है ,जिसका क्षतिपूर्ति सरकार नहीं करती ।
श्री यादव ने नील गायों को शूटर से मरवाने या पकड़कर वन क्षेत्र में छोड़ने, अन्यथा सरकारी खर्च से किसानों के कुल कृषि योग्य जमीन को कटीले तार से घेराबंदी करवाने की मांग की, श्री यादव ने कहा कि पूंजी पतियों का कर्ज माफ अथवा राइट ऑफ करने वाली सरकार किसानों का कर्ज माफ नहीं कर रही है । श्री यादव ने कहा की देश के किसानों ने संघर्ष के बल पर काला कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए सरकार को मजबूर किया है, इन सवालों पर भी धारावाहिक आंदोलन चलाया जाएगा, वर्ष 2022 किसान आंदोलनों का वर्ष बनेगा ।