वस्त्र एवं चर्म उद्योग 2022 नीति को मंत्रिपरिषद की मंजूरी मिलने पर सीएम नीतीश कुमार और उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन के प्रति बीआईए ने आभार जताया
विजय शंकर
पटना : बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष अरुण अग्रवाल और महासचिव आशीष रोहतगी, कोषाध्यक्ष मनीष कुमार तिवारी समेत अन्य पदाधिकारियों ने बिहार सरकार द्वारा बहुप्रतीक्षित बिहार औद्योगिक प्रोत्साहन नीति, वस्त्र एवं चर्म उद्योग 2022 नीति को मंत्रिपरिषद की मंजूरी मिलने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन के प्रति आभार जताया है और कहा बिहार के उद्यमियों को इसका लाभ मिलेगा और इस नीति का लाभ उठाने के लिए उद्यमियों को 30 जून 2023 तक ऑनलाइन आवेदन करना होगा । ऐसे उद्योग राज्य में लगने से काफी संख्या में ऐसे मजदूरों की घर वापसी होगी।
बीआईए अध्यक्ष अरुण अग्रवाल ने कहा कि बिहार में वस्त्र और चर्म उद्योग की बड़ी संभावनाएं हैं और यहां श्रमिकों की भी कमी नहीं होगी, क्योंकि यहां के श्रमिक ही दिल्ली, मुंबई और अन्य महानगरों में जाकर टेक्सटाईल उद्योगों में काम करते हैं । उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में बांग्लादेश और बंगाल वस्त्र उद्योग में काफी आगे बढ़ा है ऐसे में बिहार में अगर वस्त्र उद्योग का विकास होगा तो यहां के लोगों को रोजगार मिलेगा और राज्य को दूसरे प्रदेशों में आपूर्ति योग्य ऑर्डर भी मिलेगा । उन्होंने कहा कि उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने वस्त्र नीति बनाने से पहले कोलकाता, मुंबई, राजस्थान आदि कई शहरों का दौरा किया और वहां जाकर वस्त्र उद्योग चलाने वाले लोगों से बातें की और बिहार का वस्त्र नीति उसी के हिसाब से बनाई गई है। उन्होंने कहा कि चंपारण में मेगा टेक्सटाइल पार्क का निर्माण किए जाने का स्थल चयन हो गया है और उम्मीद है यहां 1700 एकड़ जमीन पर मेगा टैक्सटाइल पार्क का निर्माण होगा । उन्होंने जानकारी दी कि हाल के दिनों में केंद्र सरकार ने पूरे देश में 7 मेगा टैक्सटाइल पार्क लगाने की बात कही है, जिसके आलोक में बिहार में भी मेगा टैक्सटाइल पार्क धरातल पर उतर जाएगा । उन्होंने कहा कि बिहार में टेक्सटाईल पार्क की बड़ी संभावनाएं है क्योंकि यहां 15 हजार करोड़ का माल खपत होता है , अगर बिहार में टेक्सटाईल उद्योग लगाया जाए तो निश्चित रूप से बाहर से वस्त्र मंगाने की जरूरत नहीं होगी और बाहर में टेक्स ताईल उद्योग लगाकर धंधा करने वाले लोग बिहार की ओर भी आकर्षित हो सकेंगे । उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में अव्यवस्थाओं के बीच चीन में कपड़ा उद्योग के कई इकाइयां बंद हुई है क्योंकि बिहार में चीनी वस्तुओं का बहुत बड़ा बाजार था जो अब नहीं रहा इसके कारण है इकाइयां बंद हुई और अगर बिहार में वस्त्र उद्योग लगाया जाए निश्चित रूप से उस कमी को पूरा किया जा सकेगा ।
उन्होंने उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन की तारीफ करते हुए कहा कि दिल्ली में इन्वेस्टर मीट में अदानी जैसे उद्योगपति आए थे और अगले इन्वेस्टर मीट को मुंबई में आयोजित करने की योजना है व यहां और बड़े उद्योगपति को बुलाने की तैयारी है ।
इस मौके पर महासचिव आशीष रोहतगी ने कहा कि वस्त्र उद्योग विकसित करने का यह सही मौका है और इस उद्योग के लिए बिहार में आर के चौधरी उद्योगपति भी मिल गए हैं जो वस्त्र उद्योग पर फिलहाल पांच करोड़ रुपए का निवेश करेंगे । उन्होंने कहा कि यह संभावनाओं का द्योतक है । उन्होंने बताया कि चमडा उद्योग के लिए भी फिलहाल मुजफ्फरपुर पार्क बना है । लेदर पार्क भविष्य में कुछ और जगहों जैसे गया, चनपटिया आदि जगहों पर विकसित किए जाने की योजना है । उन्होंने बताया कि उद्योग में 10 लाख रुपए से व्यवसाय शुरू किया जा सकता है और बहुत जल्द ही व्यवसाय को प्रोडक्शन योग्य बनाया जा सकता है ।
मौके पर बीआईए के जीपी सिंह व राम लाल खेतान ने कहा कि वस्त्र एवं चर्म उद्योग 2022 नीति को मंत्रिपरिषद की मंजूरी मिलना उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दोनों के लिए साधुवाद है । कोषाध्यक्ष मनीष कुमार तिवारी ने कहा कि उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन राज्य में उद्योगों के विकास के लिए सतत् प्रयासरत हैं । बिहार में टेक्सटाइल उद्योग लगाने वाले आर के चौधरी ने भी सम्मेलन में जानकारी दी कि फिलहाल में पांच करोड़ रुपए इस उद्योग के लिए निवेश करेंगे और टेंट आर्मी टेंट , मच्छरदानी जो केमीकली कोटेड हो, बैग और लाइफ जैकेट का भी निर्माण वे करेंगे ताकि बिहार की आवश्यकता को पूरा किया जा सके । उन्होंने कहा कि उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन राज्य में उद्योगों के विकास के लिए सतत् प्रयासरत हैं । राज्य में औद्योगिकीकरण की गति को और तेज करने एवं बैंकों से जुड़े कई विषयों को लेकर उन्होंने केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर राज्य में लगने जा रहे सभी इथेनॉल यूनिटों को शीघ्र ऋण उपलब्ध कराने, सीडी रेशियो में और सुधर इत्यादि पर उनका सहयोग मांगा। उनके प्रयास से ही बरौनी में पेप्सी बॉटलिंग प्लांट व पूर्णिंया में देश के पहले ग्रीन फील्ड बेस्ड इथेनॉल प्लांट का शुभारंभ अप्रैल माह में हो पाया।
बीआईए के अधिकारीयों के कहा कि वस्त्र व चमड़ा उद्योग नीति का लाभ प्राप्त करने के लिए इकाईयों को 30 जून 2023 तक ऑनलाइन आवेदन करना होगा। वस्त्र एवं चर्म उद्योग को बढ़ावा देने के लिए पूंजिगत अनुदान से ले कर उद्योग में काम करने वाले कामगारों के वेतन में राज्य सरकार द्वारा अंशदान किए जाने का प्रभाव शामिल है। वस्त्र एवं चर्म उद्योग लगाने पर 15 प्रतिशत पूंजीगत अनुदान (अधिकतम 10 करोड़) सरकार देगी। इसके अलावे प्रति श्रमिक के वेतन पर सरकार हर माह 3 से 5 हजार तक का अंश दान देगी। इसके अलावे वस्त्र एवं चर्म उत्पाद के निर्यात पर परिवहन शुल्क पर 30 प्रतिशत अनुदान (सलाना 10 लाख तक) मिलेगा। प्रति पेटेंट 10 लाख का अनुदान भी मिलेगा।इस नीति से बिहार में रोजगार की काफी संभावनाऐं हैं, क्योंकि हर वर्ष बड़ी संख्या में कुशल मजदुर इस उद्योग में दूसरे राज्यों में कार्यरत हैं।