जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम’ में शामिल हुये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
विजय शंकर
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज 4 देशरत्न मार्ग स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में आयोजित जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में शामिल हुए। ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे 160 लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए। आज ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में सामान्य प्रशासन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, वित्त विभाग, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग, सूचना प्रावैधिकी विभाग, कला संस्कृति एवं युवा विभाग, श्रम संसाधन विभाग तथा आपदा प्रबंधन विभाग के मामलों पर सुनवाई हुयी। जनता दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में बक्सर से आये एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री से कहा कि भोजपुरी गाने और फिल्मों में अश्लीलता रोकने की जरूरत है। फरियादी ने मुख्यमंत्री से यह भी कहा कि भोजपुरी गाने और फिल्मों के नाम पर खुलेआम अश्लीलता परोसी जा रही है। इस पर मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को इस पर समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। भागलपुर से आयी एक महिला ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि आंगनबाड़ी सेविका के चयन में गड़बड़ी की जा रही है। वहीं एक दूसरी महिला ने मुख्यमंत्री से फरियाद करते हुए कहा कि उनके पति की मौत कोरोना से हो गई है। सरकार की तरफ से जो देय राशि है वो उन्हें अब तक नहीं मिल पायी है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग से कहा कि जितने लोगों को सहायता राशि नहीं मिली है उनलोगों को शीघ्र इसका लाभ दिलाएं। एक लड़की ने मुख्यमंत्री से फरियाद करते हुए कहा कि हमारे पिता शिक्षक थे। 2019 में ही उनका निधन हो गया। लेकिन उनकी जगह अनुकंपा पर हमें नौकरी नहीं दी जा रही। लड़की की गुहार पर मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को इस मामले की जांचकर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। औरंगाबाद के एक शख्स ने शिकायत करते हुए कहा कि कोटवारा उत्क्रमित मध्य विद्यालय की जमीन को अतिक्रमित कर स्कूल में दबंगों ने ताला जड़ दिया है तो वहीं देसरी, वैशाली के एक व्यक्ति ने मांग करते हुए कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र देसरी को 30 बेड का स्वास्थ्य केंद्र बनाने की कृपा करें। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को यथोचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। सिवान के एक शख्स ने आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य कार्ड नहीं बनने की शिकायत की। वहीं आरा के एक शख्स ने दारोगा बहाली में मेरिट से ज्यादा अंक आने के बावजूद भी फाइनल लिस्ट में नाम न रहने की शिकायत की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को इसकी जांचकर समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। वहीं शिवहर के एक युवक ने दिव्यांगजन का पेंशन बढ़ाने तथा पूर्वी चंपारण की एक महिला ने विधवा पेंशन बंद होने की शिकायत की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को यथोचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। नालंदा के एक युवक ने मुख्यमंत्री निःशक्त जनशिक्षा ऋण योजना के अंतर्गत ऋण माफी के संबंध में अपनी मांग रखी। वहीं बिहटा, पटना के रजनीश कुमार ने बिक्रम एन0एच0 के किनारे स्थित ट्रामा सेंटर शुरु करने में भूमि समस्या और निर्माण कार्य में आ रहे अवरोध के संबंध में शिकायत की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को इस पर यथोचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद, शिक्षा मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडे, समाज कल्याण मंत्री श्री मदन सहनी, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री श्री संतोष कुमार सुमन, विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री श्री सुमित कुमार सिंह, सूचना प्रावैधिकी सह श्रम संसाधन मंत्री श्री जिवेश कुमार, कला संस्कृति एवं युवा मंत्री श्री आलोक रंजन, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री त्रिपुरारी शरण, पुलिस महानिर्देशक श्री एस0के0 सिंघल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, पटना के जिलाधिकारी श्री चंद्रशेखर सिंह तथा वरीय पुलिस अधीक्षक श्री उपेंद्र शर्मा उपस्थित थे। जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत की। बिहार में टीकाकरण अभियान पर पत्रकारों द्वारा पूछे गये सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे यहां फर्स्ट डोज लेने वालों की संख्या 5 करोड़ से ज्यादा है, जबकि सेकेंड डोज लेने वाले लोगों की संख्या लगभग 2 करोड़ के करीब पहुंच गया है। बीच बीच में इसको काफी तेजी से करने के लिये अभियान भी चलाया जाता है। कल भी 15 लाख लोगों का टीकाकरण हुआ। लोगों के बीच में जाकर पूरे तौर पर कोशिश हो रही है कि जो लोग यहां रहते हैं और उनके अलावा त्योहार के अवसर पर बाहर से आने वाले लोगों में जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है, उनका भी टीकाकरण कराने के लिये हमलोग प्रेरित कर रहे हैं और उनका टीकाकरण कराया भी जा रहा है। जिनका फर्स्ट डोज हो गया है उनका दूसरा डोज ससमय हो जाए इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन पूरी तरह से लगा हुआ है, जिसका लाभ दिख रहा है। शराब पीने से हुई मौत मामले पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हम हर बार बोलते रहते हैं कि ये खतरनाक चीज है। लोग बाहर गैरकानूनी ढंग से ये सब काम करते हैं तो देख रहे हैं कि कितने लोगों का डेथ हो गया। पहले भी ऐसा हुआ है इसलिये बार-बार हमलोग कहते हैं कि गलत चीज लीजियेगा तो नुकसान होगा ही। जो लोग गलत धंधा करता है उससे लेकर कोई ग्रहण करता है तो यही सब नतीजा होता है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में हमलोगों ने एक मीटिंग कर ली है और 16 नवंबर को हमारी हर जिले के साथ मीटिंग है। बैठक में पूरे तौर पर हम उसकी समीक्षा करेंगे। सभी को कह दिया है कि एक-एक चीज को देख लीजियेगा कि कहां पर ये सब इंसीडेंट हो रहा है। हमने ये बात डी0जी0पी0 सहित संबंधित अधिकारियों को कह दिया है कि एक-एक चीज पर नजर रखिए। एक-एक चीज पर गौर कीजिए और देखने के बाद जो जरूरी कदम हो वो उठाइये। जो इसके लिये जिम्मेवार हैं, उस पर कार्रवाई कीजिए। अगर कोई ससमय कार्रवाई नहीं कर रहा है, तो उस पर भी एक्शन लेना है। जितनी तेजी से जो कार्रवाई होनी चाहिये, वो होगी ही उसके साथ-साथ अवेयरनेस बहुत जरूरी है। हमलोग इसके लिये शुरू में कितना अवेयरनेस लाये, लोग इसके लिये कितना सहमत रहे, आज भी सहमत हैं। कुछ गड़बड़ी करने वाले लोग हैं तो ऐसी स्थिति में फिर से नये सिरे से दूसरी बार हमलोग अवेयरनेस के लिये काम करेंगे। महिलाओं के कहने पर हमलोगों ने शराबबंदी लागू की। हमलोगों ने कमेटी वगैरह सब बना दिया कि कोई कम्पलेन क्यों नहीं कर रहा है या कम्पलेन कर रहा है तो सोल्यूशन हुआ या नहीं हुआ। हमने पिछली बार समीक्षा की थी और फिर 16 तारीख को करेंगे। इस पर जितना उचित कार्रवाई करने की जरुरत है वो जरूर करेंगे। हम सबके हित में काम कर रहे हैं। बार बार हमलोग कह रहे हैं कि शराब पीना स्वास्थ्य के लिये कितना खतरनाक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2016 में शराब पीने से होने वाली हानि को लेकर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने दुनिया भर का सर्वे कराकर रिपोर्ट प्रकाशित किया। उसके बाद भी लोगों को समझ में नहीं आ रहा है कि शराब कितनी बुरी चीज है। बापू की भी यह इच्छा थी। शराबबंदी का काम एक बार जननायक स्व0 कर्पूरी ठाकुर ने लागू किया था जो बाद में हट गया। फिर हमलोगों ने ये सर्वसम्मति से तय किया। आज कल बड़ा दुख होता है कि लोग तरह-तरह का बयान देते हैं। केवल बयान क्यों देते हैं, आप खुद क्यों नहीं पकड़वाते हैं ? कहीं पर कुछ हो रहा है तो उसके बारे में जानकारी दीजिये। सब लोगों को अवेयरनेस करना चाहिये। जिस समय ये लागू हुआ, पूरे एसेम्बली में, कांउसिल में किस तरह से एकजुट होकर सभी पार्टी के लोगों ने समर्थन किया। इसके बाद भी कोई गड़बड़ी करता है तो उस पर सबको नजर रखनी चाहिये। अगर आपको लगता है कि कहीं कोई गड़बड़ कर रहा है तो उसकी सूचना दीजिये। अखबार में कुछ लोग बयान दे देते हैं कि हमने मुख्यमंत्री को लिख दिया है। क्या लिख दिये हैं मुख्यमंत्री को ? इतना सब कुछ होने के बाद अगर ज्ञान की प्राप्ति नहीं हुई तो ये अपनी समझ होनी चाहिये। इसमें सहयोग करना चाहिये, सब लोग एकजुट होकर खड़ा होकर संकल्प लिये थे। इस चीज को कभी नहीं भूलना चाहिये। जो उस समय पावर में थे और जो पावर में नहीं थे, सभी लोगों ने इसका समर्थन किया था। सर्वसम्मति से एक-एक प्रस्ताव पारित हुआ था। सरकार पूरी मुस्तैदी से इसमें लगी हुई है, हमारी यह जिम्मेवारी है। जो विपक्ष में हैं वो सिर्फ स्टेमेंट देने में लगे हुए हैं। सब लोगों को इसपर मिलकर काम करना है। यह मेरा निजी चीज नहीं है, यह सार्वजनिक चीज है, इसमें सभी का हित है। हमलोग इस पर अभियान चलायेंगे। सभी लोगों से विनम्रतापूर्वक आग्रह है कि जहां कहीं भी इस संबंध में गड़बड़ करने वालों की जानकारी मिलती है उसकी सूचना दें। उसके लिये कमिटी बनी हुई है। 16 नवंबर को हम इसकी विस्तृत समीक्षा करेंगे कि कितना कम्पलेन आया, कितने पर एक्षन हुआ, क्या नतीजा निकला ? इन सब चीजों की जानकारी लेंगे। कोरोना के दूसरे दौर के पहले भी हम इसकी समीक्षा किये हैं। जिनको जो भी जिम्मेवारी दी गई है, अगर वे ठीक से इसका निर्वहन नहीं करते हैं तो उन पर कार्रवाई होगी। कई जगहों पर लोग पकड़े जा रहे हैं। गांव में भी कुछ लोग शराब बनाकर बेच रहे हैं, जिसमें कई लोगों की जान गई है। सभी लोगों को सोचना चाहिये कि ये सब चीज नहीं पीना है। इस तरह की घटना नहीं हो। इन सब चीजों की जानकारी लेकर गड़बड़ करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी। इन सब चीजों के बावजूद यह मानना कि सब लोग सही हो जायेंगे, जरूरी नहीं है, कुछ लोग गड़बड़ करने वाले रहते ही हैं लेकिन गड़बड़ करने वालों पर पूरी नजर रखनी है। पत्रकारों द्वारा पूछे गये शराबबंदी कानून के भय नहीं होने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सभी चीजों की हम 16 नवंबर को समीक्षा करेंगे। मंत्रीगण और अधिकारी रहेंगे, एक-एक चीज की जानकारी लेंगे और उसके आधार पर कार्रवाई करेंगे। कुछ लोग शराबबंदी के कारण रेवेन्यू लॉस की बात कहते हैं लेकिन हमने शुरू में ही कह दिया था कि एक साल में लगभग 5 हजार करोड़ रुपये का लॉस हुआ, उसके अगले साल मात्र 12-13 सौ करोड़ रूपये का लॉस हुआ था और उसके साल यह लॉस भी खत्म हो गया। शराब के सेवन में कई लोग जो फालतू खर्च कर रहे थे, अब वे परिवार की भलाई में खर्च कर रहे हैं। शराबबंदी के बाद परिवार में मारपीट की घटना नहीं होती है। अधिकांष लोग शराबबंदी को स्वीकार किये हैं। शराबबंदी को लेकर फिर से अभियान चलायेंगे ताकि उसके प्रति लोगों में अवेयरनेस आये। बिहार में जातीय जनगणना कराने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले शराबबंदी से संबंधित समीक्षा कर लेते हैं, उसके बाद हमलोग सभी इस पर बैठकर विचार विमर्ष करेंगे कि अपने राज्य में क्या कर सकते हैं। अभी तक हमलोग आपदा राहत के कार्य में लगे हुए थे उनलोगों को जो सहायता की जरूरत है वो उपलब्ध करायें। उन्होंने कहा कि राज्य की इतनी बड़ी आबादी होने के बावजूद कोरोना के बहुत कम केसेज हैं, जो केसेज हैं भी वो बाहर से आने वालों की है। कोरोना से बचाव को लेकर हमलोगों ने पूरी मुस्तैदी से काम किया है। प्रतिदिन 2 लाख से ज्यादा कोरोना जांच किये जा रहे हैं। कल 2 लाख से ज्यादा जांच किये गये उसमें मात्र 2 पॉजिटिव निकले हैं। हमलोगों को फिर भी सतर्क रहना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब बाढ़ की स्थिति समाप्त हो गई है और हमलोगों को विकास की योजनाओं को भी तेजी से क्रियान्वित करना है। एक तरफ हमलोग विकास का काम भी करेंगे और दूसरी तरफ अवेयरनेस का काम भी करेंगे। बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ भी हमलोग पहले अभियान चलाये हैं और आगे भी चलाते रहेंगे। विकास के साथ-साथ सामाजिक उत्थान के लिये लोगों को जागरूक भी करते रहेंगे। आपस में प्रेम, भाईचारा और सदभाव का माहौल रखना है। नालंदा अंतर्राष्ट्रीय विष्वविद्यालय में आने वाले राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय विजिटरों की सुविधा से संबंधित प्रष्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि नालंदा यूनिर्सिटी इंटरनेषल है, यहां लोग बाहर से आयेंगे उन्हें किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो इन सब चीजों का ख्याल रखा गया है। बगल में पावपुरी में काफी बेहतर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल बनाया गया है। गया, बोधगया और पटना से आने वाले लोगों के लिये बेहतर सड़क का निर्माण किया जा रहा है। गंगा जल उद्वह योजना के अंतर्गत गंगा का पानी शुद्ध पेयजल के रूप में लोगों को उपलब्ध कराया जायेगा। दुनिया भर के लोग इस तरह की व्यवस्था को देखेंगे। यूनिवर्सिटी के अलावा स्पोर्ट्स एकेडमी एवं अन्य संस्थाओं में भी गंगाजल को शुद्ध पेयजल के रूप में उपलब्ध कराया जायेगा। बोधगया, राजगीर, नालंदा सभी ऐतिहासिक जगह है। सबका आपस में रिष्ता है। हमलोगों की कोषिष है कि बाहर से आने जाने वाले लोगों को इन जगहों पर जाने में कम से कम समय लगे। एक और सड़क बनाई जा रही है, जिससे राजगीर और पटना की दूरी घटकर 80 किलोमीटर रह जायेगी। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी बनने के बाद जो हमारे पास 70 एकड़ जमीन है, वह भी उसे उपलब्ध करा देंगे ताकि यूनिवर्सिटी अपने अनुसार उसका उपयोग कर सके और इससे उसे लाभ मिले। मुझे उम्मीद है कि कुछ ही महीने में वहां बिल्डिंग बनकर तैयार हो जायेगा। केंद्र के द्वारा टीचर का रिक्रूटमेंट भी तय हो चुका है। उन्होंने कहा कि हमलोग वहां के वाइस चांसलर के साथ बैठकर विचार विमर्ष करेंगे कि राज्य सरकार की तरफ से और क्या करने की जरूरत है ताकि युनिवर्सिटी जल्द से जल्द फंक्सनल हो सके।