प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 106वें मन की बात में सामूहिक प्रदर्शन कार्यक्रम

विजय शंकर

पटना। पूर्व विधान पार्षद और वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ. रणबीर नंदन ने अपने आवास पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 106वें मन की बात कार्यक्रम सामूहिक प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित किया। इस संबंध में डॉ. नंदन ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने अपने मन की बात कार्यक्रम के 106वें एपिसोड में स्वावलंबन का संदेश दिया है। यह संदेश बिहार के गरीब मजदूरों को बड़ा संदेश है। आत्मनिर्भर और स्वावलंबी भारत की परिकल्पना को हकीकत बनाने के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी ने वोकल फॉर लोकल का मंत्र भी दिया है। पीएम मोदी जी का यह संदेश उन बिहारी गरीब उद्यमियों को संदेश दिया है, जो मेहनत और लगन से आगे बढ़ना चाहते हैं।

डॉ. नंदन ने कहा कि बीते कुछ दशकों में हमारे अतिपिछड़ा समाज के कुम्हार जाति के लोगों का रोजगार छीनने की कोशिशें हुई हैं। दिवाली जैसे त्योहार में भी विदेशी दीए जलाने की परंपरा अपनाई जा रही थी। माननीय प्रधानमंत्री जी वोकल फॉर लोकल मंत्र का सीधा लाभ हमारे अतिपिछड़ा समाज के कुम्हार जाति के लोगों को मिलेगा, जिनके दीयों से हमारे घर-आंगन सदियों से रोशन होते हैं। उन सूत कातने वाले लोगों को भी पीएम मोदी की योजना का लाभ मिलेगा, जिनकी बनाई रुई की बत्ती हमारे दीयों को रोशन करती है। पीएम मोदी की बातों का लाभ उस समाज को भी मिलेगा, जिनके कोल्हू में पेरा हुआ तेल दीया-बाती को रोशन करता है।

डॉ. नंदन ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने का संदेश स्पष्ट है कि हर त्योहार की तरह इस त्योहार पर भी वोकल फॉर लोकल का हिस्सा बनाएं, जो निश्चित तौर पर हमारे अतिपिछड़ा समाज के गरीब उद्यमियों को राहत देगा। बिहार में कई बार ऐसा हुआ कि गरीब उद्यमियों पर नाजायज प्रशासनिक सख्ती होती है, जिसे बंद करना होगा। साथ ही सरकार व प्रशासन को ऐसी व्यवस्था करनी होगी, जिससे अतिपिछड़ा कुम्हार समाज के लोगों को अपने दीयों, कुल्हड़ आदि की दुकानें लगाने के लिए पर्याप्त जगह मिले और आम जनता को वह सामान बेच पाएं। मोदी जी की कोशिश यही है कि हम ऐसा सामान से अपने घर को सजाएं, जिसमें देशवासी के पसीने की सुगंध हो।

डॉ. नंदन ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री जी की मुहिम का ही कितना व्यापक असर हुआ है, यह देश के सामने उपलब्ध है। इस बार गांधी जयंती के अवसर पर दिल्ली में खादी की रिकॉर्ड बिक्री हुई। यही नहीं 10 साल पहले देश में जहां खादी प्रोडक्ट्स की बिक्री बड़ी मुश्किल से 30 हजार करोड़ रुपए से भी कम की थी, अब ये बढ़कर सवा लाख करोड़ रुपए के आसपास पहुंच रही है।

डॉ. नंदन ने कहा कि हम स्वदेशी वस्तुओं का इस्तेमाल करेंगे, स्वदेशी कौशल को बढ़ावा देंगे तभी विकास का सामूहिक लाभ होगा। माननीय प्रधानमंत्री जी के संदेश के मुताबिक वोकल फॉर लोकल सिर्फ त्यौहारों तक सीमित नहीं रखना है। बल्कि हमें स्वदेशी इस्तेमाल को अपने जीवन का अनिवार्य हिस्सा बनाना होगा। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की इस मुहिम का व्यापक असर होगा और हर स्थानीय कौशल को बढ़ावा मिलेगा।

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