उत्तराखण्ड ब्यूरो
हरिद्वार । प्रथम चरण में पतंजलि योग पीठ कुलपति आचार्य बाल कृष्ण के प्रतिनिधि डॉ संजय ने योग प्रशिक्षण दिया। दूसरे चरण में देवसंस्कृति विश्वविद्यालय प्रतिकुलपति प्रतिनिधि चिन्मय पांड्या के प्रतिनिधि ने प्रशिक्षण दिया।
इस अवसर पर नोडल अधिकारी मीडिया कुम्भ मेला मनोज श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुये बताया कि उत्तराखंड राज्य योग भूमि है। महाकुंभ के समय योग का संदेश मीडिया के माध्यम से सम्पूर्ण विश्व तक पहुचाने अच्छा अवसर हमे प्राप्त हुआ है। इसके लिये मेलाधिकारी दीपक रावत ने स्वयं कमान संभाल रखी है।
श्री श्रीवास्तव ने अपने योग सन्देश में कहा कि योग का अर्थ केवल व्यायाम नहीं है बल्कि स्वयं को जानना एवं पहचाना भी है। विश्व एवं प्रकृति में एक ही आत्मा की पहचान करना है। योग हमारे जीवनशैली में आमूल-चूल परिवर्तन लाकर जागरूकता उत्पन्न करता है। शरीर में होने वाले सकारात्मक परिवर्तन से हम बाहरी प्राकृतिक परिवर्तन को सहन करने में सक्षम सिद्ध होते हैं।
सारांश में कहा जायें तो योग आध्यात्मिक अनुशासन एवं सूक्ष्म विज्ञान पर आधारित ज्ञान है। यह शरीर और मन के बीच सन्तुलन स्थापित करता है। योग स्वस्थ जीवन की कला के साथ विज्ञान का प्रतिनिधित्व करता है। यौगिक ग्रन्थों के अनुसार योग अभ्यास से वैयक्तिक चेतना सार्वभौमिक चेतना के साथ जुड़ जाता है।