बंगाल ब्यूरो 

कोलकाता। बंगाल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल होने वाले बालीवुड अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को गुरुवार को कथित भड़काऊ भाषण मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी। कलकत्ता हाई कोर्ट न्यायाधीश कौशिक चंदा ने इस मामले में दर्ज एफआईआर को खारिज कर दिया है और इसके साथ ही आदेश दिया है कि इस मामले में जांच की कोई जरूरत नहीं है। न्यायाधीश ने कहा कि डायलॉग देने वाला मशहूर हीरो है। डायलॉग बोलने के लिए मशहूर मिथुन इस डायलॉग को कई मौकों पर कह चुके हैं। उन्होंने इस मामले से इन्कार नहीं किया है। डायलॉग मजेदार हैं। अभद्र भाषा नहीं है।

न्यायाधीश ने कहा कि 17 मार्च, 2021 यह डायलॉग बोला गया था। यह नहीं कहा जा सकता है कि इससे हिंसा हुई है। इसलिए पुलिस की कोई भी कार्रवाई अनावश्यक है। उन्होंने एफआईआर खारिज करने का निर्देश देते हुए कहा कि किसी जांच की आवश्यकता नहीं है।
इसके पहले इस मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश कौशिक चंदा ने कहा था कि किसी फिल्म के डायलॉग से हिंसा नहीं फैलती, न ही अशांति होती है। न्यायाधीश ने कहा कि शोले फिल्म में अमजद खान से लेकर बहुत से अभिनेताओं ने अब तक हजारों लोकप्रिय डायलॉग दिए हैं। मिथुन चक्रवर्ती का डायलॉग भी काफी लोकप्रिय है।

उल्लेखनीय है कि बंगाल चुनाव से पहले कोलकाता के ऐतिहासिक ब्रिगेड परेड ग्राउंड में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जनसभा में भाजपा का दामन थामने वाले बॉलीवुड के स्टार अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने अपनी फिल्म के डायलॉग बोले थे। उन्होंने कहा था- ‘मारबो एखाने, लाश पोड़बे सशाने,’ यानी मारूंगा यहां, तो लाश गिरेगा श्मशान में। मिथुन चक्रवर्ती के इस डायलॉग को सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने भड़काऊ बयान करार दिया था और चुनाव बाद हुई हिंसा के लिए इस बयान को जिम्मेदार ठहराया था।

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