कैंसर के इलाज को ज्यादा लोगों तक पहुंचाने और देखभाल की कमी को दूर करने के लिए राजीव गांधी कैंसर अस्पताल ने संयुक्त प्रयासों का आव्हान किया    

अपने लोककल्याण कार्यों को ज्यादा लोगों तक पहुंचाने और गरीबवंचित समाज के मरीजों की सहायता के लिए 3 साल में 300 करोड़ रुपये खर्च करेगा

subhash nigam

नई दिल्ली, 9 फरवरी : गरीब-वंचित समाज के मरीजों को सहारा देने के लिए राजीव गांधी कैंसर संस्थान एवं रिसर्च केंद्र (आरजीसीआईआरसी) अपनी लोक-कल्याण कार्यों के दायरे को बढ़ाने जा रहा है। कैंसर के ईलाज एवं देखभाल को ज्यादा लोगों की पहुंच के अंदर लाने और किफायती बनाने हेतु रोहिणी केंद्र पर हुई कांफ्रेंस में आरजीसीआईआरसी ने इस संबंध में एक व्यापक योजना की घोषणा की।

आरजीसीआईआरसी के चेयरमैन राकेश चोपड़ा ने संस्थान की यात्रा को लोक-कल्याण कार्यों का उदाहरण बताते हुए कहा, “राजीव गांधी कैंसर संस्थान एवं रिसर्च केंद्र (आरजीसीआईआरसी) लोक-कल्याण की भावना से जन्मे अस्पताल का जीता-जागता उदाहरण है। रु. 49 लाख के शुरूआती योगदान से चलकर  संस्थान आज काफी बड़ा नाम कमा चुका है। हमारे पास 100 करोड़ का फण्ड है, और अगले तीन साल में इसे 300 करोड़ रुपये तक ले जाया जाएगा। इस पर प्राप्त ब्याज से आर्थिक रूप से वंचित मरीजों की सहायता की जायेगी।”

आरजीसीआईआरसी के सीईओ श्री डी. एस. नेगी ने कांफ्रेंस में अपनी बात में अस्पताल के अद्वितीय मूल्यों को रेखांकित करते हुए कहा, “हमारे अस्पताल की नींव ही लोककल्याण के उद्देश्य से रखी गई थी। यह अस्पताल सबसे अलग है, क्योंकि हम सभी मरीजों का समान रूप से ईलाज करते हैं। पिछले वर्ष हमने अपने सिर्फ फण्ड से ही 44 करोड़ रुपये गरीबवंचित समुदाय के मरीजों के ईलाज में लगाए थे। हमें प्राप्त प्रत्येक योगदान और सहायता को गरीबवंचितों की सेवा में लगाया जाता है, जो कि हमेशा से हमारा मुख्य सिद्धांत रहा है।

आरजीसीआईआरसी के एमडी डॉ सुधीर रावल ने कैंसर के ईलाज के लिए आरजीसीआईआरसी के अभूतपूर्व योगदान पर बोलते हुए कहा, “आरजीसीआईआरसी ने देश में सबसे पहले उच्च तीव्रता केंद्रित अल्ट्रासाउंड (एचआईएफयू), रोबोटिक सर्जरी, साइबर नाइफ आदि अत्याधुनिक तकनीकों से ईलाज करना शुरू किया था। हम देश में ही स्वदेशी कार टी सेल थेरेपी विकसित करने पर काम कर रहे हैं, और ऐसी तकनीकों के जरिए हम विश्वस्तरीय कैंसर केयर उपलब्ध कराते रहेंगे।     

देखभाल तक पहुंच में बढ़ोतरी और जल्द पहचान एवं ईलाज के लिए कांफ्रेंस में इस क्षेत्र के चिकित्सा विशेषज्ञ, इंडस्ट्री लीडर और कॉर्पोरेट हितधारक विचार-विमर्श के लिए एकत्रित हुए। इस आयोजन ने कैंसर केयर को बढ़ावा देने के उद्देश्य की पूर्ति के लिए कॉर्पोरेट सामजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के अत्यधिक महत्व को रेखांकित किया, खासकर वित्तीय रूप से अक्षम लोगों के लिए।

लोक-कल्याण कार्यों की दिशा में आरजीसीआईआरसी की यात्रा को दर्शाते हुए इस अवसर पर ‘कैंसर के क्षेत्र में सूर्योदय’ (ए सन राइजेज इन कैंसर) शीर्षक से एक पुस्तिका का अनावरण किया गया, जिसमें संस्थान के चैरिटेबल कार्यों की जानकारी और प्रेरणादायक कहानियों का उल्लेख है।

अपनी स्थापना के समय से ही राजीव गांधी कैंसर संस्थान लोक-कल्याण कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेता रहा है और कैंसर केयर के क्षेत्र में नवाचारों के जरिए  अनगिनत जिंदगियों पर अमिट प्रभाव छोड़ चुका है। कांफ्रेंस में कैंसर के प्रभावी प्रबंधन के लिए शीघ्र पहचान और तुरंत ईलाज की अति महत्वपूर्ण भूमिका बार-बार उभर कर सामने आई, जिससे एक तो ईलाज का खर्च कम होता है, साथ ही मरीज भी सशक्त होता है।

कार्यक्रम में उपस्थिति दर्ज कराने वालों में श्री विवेक अवस्थी, जीएम (सीएसआर), इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (ईआईएल), श्री अखिल गुप्ता, डिप्टी जनरल मैनेजर (एडमिन), ह्यूमन रिसोर्स सर्विसेज – एनआर, भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और इंडियन ऑयल कारपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल), ऑयल एंड नेचुरल गैस लिमिटेड (ओएनजीसी) के प्रतिनिधियों सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। इन लीडर्स ने गुणवत्तापूर्ण कैंसर केयर तक समानतापूर्ण पहुंच सुनिश्चित करने के लिए साझे प्रयासों की महत्ता को को रेखांकित करते हुए आरजीसीआईआरसी के मिशन को सहायता प्रदान करने की प्रतिबद्धता प्रकट की।

वर्ष 2019 में स्थापित लोक-कल्याण कार्य सेवा विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ फिलॉन्थ्रोपिक सर्विसेज) ने स्वतंत्र रूप से अथवा दूसरे संस्थानों और एनजीओ के साथ मरीज कल्याण कार्यक्रमों के समन्वय में हमेशा से अग्रणी भूमिका निभाई है। आरजीसीआईआरसी की पहल सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं है, ईलाज हेतु क्राउड-फंडिंग के जरिए पड़ोसी राज्य के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय मरीज भी लाभान्वित हुए हैं।

जरूरतमंद मरीजों के ईलाज हेतु आरजीसीआईआरसी के मिशन को श्री रामकृष्ण सेवा संस्थान, रिलेक्सो इंडिया लिमिटेड (मूलचंद दुआ मेमोरियल सोसाइटी), युवराज सिंह फाउंडेशन और इंडिया कैंसर सोसाइटी आदि जैसी संस्थाएं सहायता प्रदान कर रही हैं।

आरजीसीआईआरसी के बारे में:

1996 में स्थापित हुआ राजीव गांधी कैंसर संस्थान और अनुसंधान केंद्र कैंसर के इलाज के लिए भारत के अग्रणी अस्पतालों में गिना जाता है। लगभग 2 लाख वर्ग फुट में 500 बिस्तरों की वर्तमान क्षमता के साथ आरजीसीआईआरसी महाद्वीप के सबसे बड़े टर्टियरी कैंसर देखभाल केंद्रों में से एक है। इसमें डे-केयर सर्जरी के लिए 14 अत्याधुनिक सुसज्जित मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर और 2 माइनर ऑपरेशन थिएटर हैं। अब तक 3.5 लाख से अधिक रोगियों को सेवा प्रदान कर चुका है।

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