2024 के लोकसभा चुनाव में जनता सनातन धर्म विरोधियों को जवाब दे देगी: महामंडलेश्वर श्री जितेंद्रानंद सरस्वती

सुभाष निगम

नई दिल्ली , 19 मार्च : विश्व हिन्दू परिषद ( विहिप) की मंगलवार को दिल्ली में प्रांतीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक संपन्न हुई । मार्गदर्शक मण्डल की बैठक में विभिन्न सम्प्रदायों के करीब 60 प्रमुख सन्तों ने देश की वर्तमान परिस्थितियों और प्रमुख विषयों पर गहन मंथन किया। सभी पूजनीय संतो ने श्री आलोक कुमार को विहिप का अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित होने पर अपना आशीर्वाद और शुभकामनाएं दी।

इस बैठक में संतों ने आह्वान किया कि सनातन धर्म पर हमले करने वालों के विरुद्ध जनजागरण के प्रयासों में तेजी लाई जाए ताकि 2024 के आम चुनाव में सनातन विरोधियों को जवाब दिया जा सके।

विहिप के मार्गदर्शक मंडल ने आम चुनाव से पहले सभी संतो, महामंडलेश्वर, आचार्यों से निवेदन किया कि वे राष्ट्र, सनातन धर्म से जुड़े सभी मुद्दों को लेकर देश की जनता के बीच में जाएं, ताकि हिंदू समाज को और अधिक जागरूक किया जा सके।

बैठक में नागरिक संशोधन कानून (सीएए) , सनातन पर हमले, धर्मांतरण और घर वापसी जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई।

विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने बैठक में अपने विचार रखते हुए आह्वान किया कि सभी संत आगे बढ़कर घर वापसी की मुहिम को और तेजी से चलाएं। उन्होंने कहा कि हम सभी को यह ध्यान रखना होगा कि हिंदू समाज को खांचों में बांटा न जा सके। सबको जाति वर्ग से ऊपर उठकर हिंदू धर्म के आधार पर एक बड़े परिदृश्य में सोचना होगा।

विहिप के दिल्ली प्रांत अध्यक्ष कपिल खन्ना ने बैठक में विहिप की ओर से सनातन धर्म और सेवा के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों के विषय मे जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विहिप सामाजिक समरसता , सेवा, गौरक्षा, धर्म प्रसार , जनजागरण इत्यादि विषयों पर लगातार कार्य कर रहा है । ये समय हिंदू विचारों और संस्कृति की दृष्टि से स्वर्णिम काल है।

बैठक को संबोधित करते हुए विहिप के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के सदस्य दिनेश चंद्र ने कहा कि विश्व की चिंताओं के समाधान का रास्ता भारत का विचार ही है, और यह कोई धर्म या संप्रदाय की बात नही है यह जीवन व्यवहार की बात है। भारत के सामाजिक और गृहस्थ जीवन में महिलाओं का विशेष स्थान है। जो सम्मान हिंदू विचार में महिलाओं को है वह और किसी विचार में नहीं है। उन्होंने कहा कि हमे दूसरे के दोषों को वर्णन नहीं करना है बल्कि अपने समाज के भीतर की कुरीतियों के बारे में विचार करना है उन्होंने कहा कि 1964 में विश्व हिंदू परिषद की स्थापना के पीछे यह प्रमुख भाव था कि धर्म की स्थापना में मंदिरों का विशेष स्थान है।

बैठक की अध्यक्षता कर रहे महामंडलेश्वर श्री जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि जिस तरह से तमाम राजनीतिक दल सनातन धर्म के विरुद्ध बयानबाजी कर रहे हैं ऐसे में सनातन धर्म के अस्तित्व को बचाने के लिए आम चुनाव से पहले हमें गांव-गांव, कस्बे कस्बे , शहर शहर जाकर हिंदू समाज को जागरूक करना होगा। उन्होंने कहा की नागरिकता संशोधन विधेयक कोई पहला कानून नही है जो धर्म के आधार पर व्यवहार करता है, देश में पहले से ही मुस्लिम पर्सनल लॉ और वक्फ के कानून है जो मजहब के आधार पर व्यवहार करते है।

उन्होंने कहा कि 2024 के चुनाव में जनता सनातन धर्म विरोधियों को जवाब दे देगी।

इस बैठक में महामंडलेश्वर निजस्वरूपानन्द दाती महाराज, महामंडलेश्वर नवल किशोर दास महाराज और आचार्य लोकेश मुनि , विहिप के दिल्ली प्रांत मंत्री श्री
सुरेंद्र कुमार गुप्ता और विहिप के प्रांत धर्माचार्य सम्पर्क प्रमुख श्री दीपक गुप्ता सहित संत समाज और विहिप के विभिन्न दायित्वों से जुड़े कई कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *