पत्रकारों से बातचीत में छलका दर्द, एयरपोर्ट पर पूरे बिहार के नेताओं ने किया स्वागत
विजय शंकर
पटना;केंद्रीय  खाद्य एवं वन मंत्री अश्विनी चौबे सोमवार को पटना पहुंचे। एयरपोर्ट पर दिल्ली से पहुंचने के उपरांत बक्सर आरा, भागलपुर, कैमूर ,सासाराम, मुजफ्फरपुर ,दरभंगा, सीतामढ़ी, मधुबनी ,पटना, अरवल, नवगछिया सहित बिहार के विभिन्न जिलों से आए बड़ी संख्या में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया।
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि मैं पार्टी का अनुशासित सिपाही हूं। मैं नाराज नहीं हूं , पार्टी ने बहुत कुछ दिया। बक्सर के लिए मैंने हर संभव कदम उठाए। बक्सर सदैव मेरे दिलों में रहेगा। बक्सर नहीं छोड़ रहा हूं।  उन्होंने एक दोहे की पंक्ति सुनाई ..
मान सहित विष खाय के, शंभू भये जगदीश 
बिना मान  अमृत पिये, राहु  कटायो  शीश…
के माध्यम से अपनी भावनाएं प्रकट की।
 उन्होंने कहा कि एक बार फिर केंद्र में नरेंद्र भाई मोदी जब की सरकार बनेगी। सीटों की संख्या 400 पार होगी। मैं गिरगिट की तरह रंग बदलने  वाला नहीं हूं, हम शेर की तरह दहाड़ने वाले हैं।
 उन्होंने कहा कि हम सक्रिय राजनीति मे बने रहेंगे।  लोग कयास लगा रहे थे कि मुझे टिकट नहीं मिला है तो हम राजनीति छोड़ देंगे।  लेकिन, ऐसा नहीं है।  मैं राजनीति में सक्रिय रहूंगा।  उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आशीर्वाद मेरे उपर है। मैने कभी अपने लिए या परिजन के लिए हाथ नहीं फैलाया है।  मै सदा राष्ट्र के लिए लगा रहा हूं। केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि मैं नाराज नहीं हूं मैं बाहर का नही हूं , मैं बक्सर का हूं, बक्सर का ही बनकर रहूंगा।
 पत्रकार बंधुओं द्वारा टिकट कटने की वजह पर उन्होंने कहा कि…मेरा कसूर क्या है ? यह तो बताओ। उन्होंने कहा कि मैं 1966 से लगातार संघर्ष कर रहा हूं।  58 साल की तपस्या है मेरी. मेरा क्या कसूर है? मेरा कसूर यही है कि मैं सक्रिय राजनीति में पूरी तरीके से हिंदुस्तान के अंदर सक्रियता से बना रहा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि 14 साल तक भगवान राम वनवास गए थे, जो गिरगिट की तरह रंग बदलते हैं मैं उनकी तरह रंग बदलने वाला नहीं हूं। हम भीगी बिल्ली की तरह नहीं है।  भाजपा हमारी मां है, भाजपा ने सबकुछ दिया है।  पार्टी के लिए सब कुछ न्योछावर है।
 केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे एयरपोर्ट से निकलकर सीधे कदम कुआं पटना स्थित लोकनायक जयप्रकाश आवास पहुंचे। वहां उन्होंने जेपी की मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि 8 अप्रैल 1974 को छात्र आंदोलन के समर्थन पर जेपी पटना के सड़कों पर मौन धारण का चले थे। आज उसकी स्वर्ण जयंती है। मैं जेपी का सेनानी हूं। इस पर मुझे गर्व है। मैं संघर्ष से पीछे हटने वाला नहीं हूं।

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