Navrashtra media bureau

पटना. पूर्व विधान पार्षद और वरिष्ठ भाजपा नेता प्रो. रणबीर नंदन ने संविधान बदलने की अफवाह उड़ाने पर राहुल गांधी, अखिलेश यादव समेत तमाम विपक्षी नेताओं को करारा जवाब दिया है। प्रो. नंदन ने कहा कि संविधान बदलने की अफवाह उड़ाने से भी इन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ है और आज तीसरी बार एनडीए की सरकार माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की अगुवाई में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में जुट गई है। संविधान की मूल भावना हमेशा ही भारत और भारतवासियों के हितों की रक्षा करती है लेकिन इसमें समय समय पर संशोधन किए जाते रहे हैं। यह अलग बात है कि नरेंद्र मोदी जी की सरकार में संशोधन हुआ देश की अखंडता को बचाने के लिए तो कांग्रेस की सरकार में संशोधन हुआ था लोकतंत्र की हत्या के लिए। भावी पीढ़ी को यह बताना आवश्यक है कि कांग्रेस ने कैसे कैसे राष्ट्रविरोधी कार्य किए हैं।

प्रो. नंदन ने कहा कि संविधान में संशोधन तो 106 बार हो चुके हैं। लेकिन संविधान की आत्मा के साथ खिलवाड़ सिर्फ कांग्रेस की सरकार में हुआ था। 42वें संशोधन से तो इंदिरा गांधी ने संविधान में आमूलचूल बदलाव कर दिया था। 42वें संशोधन से इंदिरा गांधी ने एक साथ संविधान के 41 अनुच्छेदों में बदलाव किया था और 13 नए अनुच्छेद जोड़े थे। इसी संशोधन में लोकसभा की प्रस्तावना में ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवाद’ शब्द जोड़े गए थे और लोकसभा का कार्यकाल छह साल कर दिया गया था। बाद में जनता सरकार ने इंदिरा गांधी द्वारा बदले गए ज्यादातर अनुच्छेदों को 44वें संशोधन के जरिए पुराने रूप में स्थापित किया और अनुच्छेद 19 (1) (एफ) को हटा दिया था, जिसके जरिए संपत्ति इकट्ठा करने के अधिकार को मौलिक अधिकार के रूप में मान्यता दी गई थी। ऐसे कुकृत्य करने वाले कांग्रेसी नेताओं को अफवाह उड़ाते शर्म से मुंह छिपा लेना चाहिए।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में संविधान संशोधन हुए तीन तलाक को लेकर। इंडी गठबंधन वालों को जाकर मुस्लिम महिलाओं से जाकर तीन तलाक के बारे में पूछना चाहिए कि उन्हें क्या यातना सहनी पड़ती है। कांग्रेसियों को मुसलमानों के सिर्फ वोट से मतलब रहा है और बाकि मुसलमानों की उन्हें कभी कोई चिंता नहीं रही है। लेकिन मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं के असली दर्द को दूर किया है। इसी तरह धारा 370 ने एक देश में दूसरे देश का माहौल बनाया हुआ था। एक देश में दो झंडे थे। देश की अखंडता को छिन्न-भिन्न करने वाले कांग्रेसियों द्वारा दिए घाव का पूरा इलाज माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने किया है।

जबकि कांग्रेस की सरकार ने 7 अगस्त 1975 को सिर्फ अपनी कुर्सी बचाने के लिए संवैधानिक संशोधन करा कर लोकसभा में विशेष बिल पारित कर किया। 8 अगस्त 1975 को यह संशोधन राज्यसभा से पारित करवा लिया गया। 9 अगस्त 1975 को देश की 17 राज्यों की विधानसभा में यह संशोधन पारित करवाया गया। 10 अगस्त 1975 को रविवार होने के बावजूद राष्ट्रपति से संशोधन मंजूर करवाया और बाकायदा गजट नोटिफिकेशन जारी कर प्रधानमंत्री के खिलाफ किसी भी प्रकार की सुनवाई करने के अदालतों के अधिकार छीन लिए गए। 11 अगस्त 1975 को जिस दिन इलेक्शन पीटिशन की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी थी, वह एक दिन पहले किए गए संशोधन के कारण हो ही नहीं सकी। पांच दिनों में पूरा संविधान बदल देने वाले कांग्रेसी आज देश को संविधान बदलने का डर दिखा रहे हैं।

प्रो. नंदन ने कहा कि जब तक देश में राष्ट्रवादी भारतीय जनता पार्टी का एक भी सिपाही जीवित है, तब तक संविधान कोई बदल ही नहीं सकता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने संविधान के हितों की रक्षा मजबूती से की है और यही इंडी गठबंधन के गले की सबसे बड़ी हड्डी है। लेकिन कांग्रेसियों और इंडी गठबंधन वालों का वही हाल होगा, जो राष्ट्रविरोधियों का होता है।

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