बेरोजगारी, पलायन और शैक्षणिक जनगणना की भी मांग की

कहा – विधानसभा में श्वेतपत्र लाकर बताएं कि किन जातियों को नौकरी,विधायिका आदि में अवसर नहीं मिले

नवराष्ट्र मीडिया ब्यूरो

पटना। जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने आज जातिगत जनगणना के मुद्दे पर सरकार और विपक्ष को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना के लिए हुए सर्वदलीय बैठक में सभी पार्टियों को नहीं बुलाया गया। इसमें उन्हीं को बुलाया गया जो कुछ खास जातियों की जनगणना के समर्थक हैं। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना कीजिए, सब साथ है, लेकिन बेरोजगारी, पलायन और शैक्षणिक जनगणना भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना में सिर्फ जातियों और उपजातियों की गणना की बात की जा रही है जबकि मेरी मांग है कि इस जनगणना में आर्थिक, शैक्षणिक, बेरोजगारी और राजनीतिक भागिदारी को भी शामिल किया जाय।

उन्होंने पटना में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जाति आधारित जनगणना कोई नयी बात नहीं है। कई राज्यों ने दो-दो, तीन-तीन बार जातिगत जनगणना करवाया है। लेकिन देश में और बिहार में 286 जातियों में ज्यादा से ज्यादा 20 जातियों को ही लाभ मिला है। बाकी का क्या हुआ? क्या ये जनगणना केवल उन्हीं 20 जातियों के लिए होगा या अन्य जातियों के लिए भी होगा? बिहार की जनता यह जानना चाहती है कि जो 40 साल शासन में रहे वे लोग जातिगत जणगणना, विशेष राज्य और विशेष पैकेज के सवाल पर सड़क पर क्यों नहीं आए।

उन्होंने सवाल उठाया कि क्या पलायन किये हुए बिहारियों की जनगणना होगी, क्या उन्हें वापस लाया जाएगा। क्या जातिगत जनगणना पर गरीबी, बेरोजगारी की बात होगी। क्या सरकार इस बात की गारंटी देगी कि इस जनगणना के बाद वर्चस्ववादी जातियों का बोलबाला नहीं होगा। उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार विधानसभा में एक श्वेतपत्र लाए कि किन जातियों को नौकरी, विधायिका आदि में अवसर नहीं मिला है। जातिगत जनगणना से पहले जिन जातियों को आर्थिक, शैक्षणिक, रोजगार और राजनीति में सम्मान नहीं मिला है उसे सामने लाएं। जातिगत जनगणना आवश्यक है पर शराबबंदी की तरह इसे मौलिक चीज मत बनाइये।

पप्पू यादव ने विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले युवराज से पूछें कि क्या उन्हें पता है कि बिहार में कितनी जाति-उपजातियां हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी आड़े हाथ लिया। कहा कि अडानी और अम्बानी के घर ईडी को भेजिये तब पता चलेगा कि देश का पैसा कहां जा रहा है। मुद्दों से भटकाने के लिए ईडी जैसी संस्थाओं का उपयोग नहीं करें।

प्रेस वार्ता में राष्ट्रीय प्रधान महासचिव रघुपतिसिंह, प्रदेश अध्यक्ष राघवेन्द्र कुशवाहा, राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेमचन्द सिंह मौजूद थे

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