पीएम के सलाहकार द्वारा संविधान बदलने की बात कहना चिंताजनक,

दलितों व पिछडों को संवैधानिक अधिकारों से वंचित रखना चाहती है भाजपा

विजय शंकर

पटना। बिहार जद(यू0) के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने शनिवार को बयान जारी करते हुए मोदी सरकार पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी के बेहद करीबी एवं उनके आर्थिक सलाहकार बिबेक देबराॉय के द्वारा साल 2047 तक संविधान बदलने की बात कहना देश के लिए बेहद चिंताजनक और एक खतरनाक मानसिकता का परिचायक है। केंद्र की मोदी सरकार अब तक संविधान की मूल भावनाओं को कुचलने व नष्ट करने में लगी थी मगर अब सीधे देश के महान संविधान को बदलने की तैयारी हो रही है। भाजपा-आरएसएस के संविधान विरोधी षड्यंत्र को प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार ने अपने लेख के माध्यम से अब जगजाहिर कर दिया है।

श्री कुशवाहा ने कहा कि जिन आशंकाओं को लेकर देश अब तक चिंतित रहता था प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार ने संविधान बदलने की बात कहकर उन आशंकाओं पर अपनी औपचारिक मोहर लगा दी है। संविधान को ख़त्म करना आरएसएस का पुराना एजेंडा रहा है, लोकतांत्रिक व संवैधानिक व्यवस्था में आरएसएस की कभी कोई आस्था नहीं रही है। 2015 बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भी आरएसएस प्रमुख ने आरक्षण को ख़त्म करने की बात कही थी जिसका खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ा था।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा-आरएसएस देश के दलित, पिछड़ा, आदिवासी और अल्पसंख्यक समुदाय को संविधान द्वारा प्रदत्त उनके अधिकारों से वंचित करना चाहती है और उनके मताधिकार को भी छीनना चाहती है मगर भाजपा का यह मंसूबा कभी कामयाब नहीं हो सकता। देश की समाजवादी ताकते चट्टानी एकता के साथ संविधान की रखवाली में खड़ी है। डा0 भीमराव अंबेदकर, डा0 राजेंद्र प्रसाद, महात्मा गांधी और जयप्रकाश नारायण के सपनों के भारत से कोई भी छेड़छाड़ स्वीकार नहीं होगा। संविधान को मिटाने की बात करने वाली मानसिकता को 2024 में जनता देश की राजनीति से मिटा देगी।

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