विजय शंकर
पटना । देश का पहला राज्य बिहार है जहां लगभग साठ फीसदी बिटिया अफसर बनीं। यही है बिहार की मौन क्रांति। जनता दल यू की प्रदेश प्रवक्ता डॉ. सुहेली मेहता ने 64वीं BPSC परीक्षा के पिछले दिन के घोषित परिणाम पर कहा कि 2015 के विधानसभाचुनाव में मुख्यमंत्री ने सात निश्चय लिया था, जिसमें एक निश्चय था कि बिहार के सभी नौकरियों में, चाहे वोअफसर के पद केलिए हो या चपरासी के लिए, बिहार कि बेटियों को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा । फिर क्या था बिहार की जोशीली बेटियाँ पहले ही साइकिल योजना औरपहली कक्षा से लेकर मास्टर डिग्री तक की निःशुल्क शिक्षा का लाभ उठाकर पढ़ाई में अव्वल हो रही थीं। ऐसे में बिहार की नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण का परिणाम है कि अब बिहार में लगभग 60 प्रतिशत अफसर की कुर्सी पर बेटियाँ बैठेंगी और अपने माता- पिता के साथ-साथ बिहार का नाम रौशन करेंगी।
डॉ. सुहेली मेहता ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा किहर वक़्त सरकार के द्वारा विकास कार्यों पर अपनी ओछी राजनीतिककरनेवाली और सरकार को हर वक्त कोसनेवाली विपक्ष के घरों की बेटियां भी अफसर बन बिहार की जनता की सेवा करेंगी और आशा है उनके घर में भी मुख्यमंत्री जी के इस निश्चय से खुशियां आई होंगी।
बिहार में महिला सशक्तिकरण की दिशा में बढ़ाये गए इस कदम केलिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बिहार की बेटियों के तरफ से धन्यवाद देते हुए सुहेली मेहता ने 64वीं BPSC के सभी सफल अभ्यर्थियों को बधाई भी दी है ।