★टीबी का इलाज हुआ संभव रामु कोरबा की दूर हुईं भ्रांतियां
रांची ब्यूरो
सिमडेगा : अनुसूचित जनजाति समुदाय के रामु कोरबा को जब यह पता चला कि उनके टीबी रोग का इलाज संभव है, तो उनकी पूर्व की सारी भ्रांतियां खत्म हो गईं। सिमडेगा के कुरडेग प्रखंड स्थित कुटमा कछार गांव निवासी रामु कोरबा जानकारी के अभाव में अबतक अपनी बीमारी को लेकर परेशान थे। रामु कोरबा की तरह ही बड़कीछापर निवासी अनिल साय को अब डर नहीं लगता। चिकित्सकों द्वारा मिले भरोसे के साथ वे अब हर मुश्किल दौर से पंजा लड़ाने को तैयार हैं। हो भी क्यों न उनके पैर के कैंसर का इलाज सुनिश्चित जो हुआ। कहते हैं, अगर आज इस कैम्प में नहीं आता तो मेरा इलाज संभव नहीं था और डर के माहौल में रहकर बीमारी को बढ़ने का मौका देता।
उपायुक्त सिमडेगा सुशांत गौरव ने बताया कि ऐसे ही विभिन्न रोगों से ग्रसित करीब दो हजार लोगों को कुरडेग में आयोजित चिकित्सा शिविर में लाभ मिला। अवसर था मेगा स्वास्थ्य जांच केंद्र का। जहां मेडिका रांची के चिकित्सक कुरडेग प्रखंड के स्वास्थ्य कैंप में पहुंचे। इनमें मेडिका के डायरेक्टर डॉ विजय कुमार मिश्रा, डॉ राजेश सिंह (सामान्य डॉक्टर), डॉ रूपेश सिंह, डॉ सन्ना अंजुम, डॉ बसंत सौरभ, डॉ विदिशा मिश्रा, डॉ आनंद श्रीवास्तव मेगा स्वास्थ्य शिविर में आदिम जनजाति एवं अन्य लोगों का नि:शुल्क इलाज किया।
इस मौके पर जिला प्रशासन द्वारा जरूरतमंदों के बीच बढ़ती ठंड को देखते हुए कंबल और ऊनी वस्त्र का वितरण किया गया।
“अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों के लिए स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। कैम्प में सामान्य और गंभीर रोगों की पहचान कर उसके इलाज की प्रक्रिया शुरू की गई। कैम्प में जरूरतमंदों का इलाज एवं लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना भी हमारा उद्देश्य था।”