● मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने सूखे के आकलन को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की, अधिकारियों को दिए कई निर्देश

● मुख्यमंत्री ने सभी जिलों और प्रखंडों में बारिश और धान समेत अन्य फसलों की बुवाई के हालात की विस्तृत जानकारी अधिकारियों से ली

● मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा -सूखे से किसानों- पशुपालकों- मजदूरों को राहत देने के लिए अति शीघ्र विस्तृत योजना तैयार करें

◆ सूखे की स्थिति से निपटने के लिए उठा रहे हैं सभी जरूरी कदम

 

नवराष्ट्र मीडिया ब्यूरो 

रांची : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज राज्य में सूखे के आकलन को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। उन्होंने अधिकारियों से राज्य के विभिन्न जिलों और प्रखंडों में हुई कम बारिश तथा फसलों की रोपाई की विस्तृत जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि सूखे से किसानों- पशुपालकों और मजदूरों के साथ ग्रामीण परिवेश में रहने वाले लोगों को राहत देने के लिए अति शीघ्र विस्तृत योजना तैयार करें ।

सूखे से निपटने के लिए सभी संबंधित विभाग कार्य योजना बनाएं

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट तौर पर कहा कि सुखाड़ से निपटने के लिए सभी संबंधित विभाग विस्तृत कार्य योजना तैयार करें। कृषि,पशुपालन, सिंचाई, ग्रामीण विकास, मनरेगा और पेयजल समेत अन्य क्षेत्र में योजनाओं को बनाकर किसानों एवं मजदूरों को उसका लाभ देना सुनिश्चित करें।

मिट्टी से जुड़े कच्चे को शुरू करें

मुख्यमंत्री ने सूखे की स्थिति को देखते हुए मिट्टी से जुड़े कच्चे कार्य शुरू करने के निर्देश अधिकारियों को दिए ।उन्होंने ग्रामीण इलाकों में कच्चे सड़क निर्माण, तालाब- एवं डोभा निर्माण, खेतों में मेढ़ आदि का निर्माण शुरू करने को कहा, ताकि किसानों और मजदूरों को इनसे जोड़कर राहत पहुंचाया जा सके ।

संथाल एवं पलामू प्रमंडल का दौरा कर जमीनी हकीकत की जानकारी लें अधिकारी

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि संताल एवं पलामू प्रमंडल के कई इलाकों में कम बारिश की वजह से कृषि कार्य के साथ पेयजल एवं पशुओं के लिए जल संकट की स्थिति पैदा हो गई है । ऐसे में वरीय अधिकारी इन इलाकों का दौरा कर वहां की जमीनी हकीकत की जानकारी लें और उससे निपटने के लिए रिपोर्ट बनाकर सरकार को दें, ताकि जल्द से जल्द प्रभावी कदम उठाया जा सके।

रोजगार सृजन और पलायन रोकने पर जोर

मुख्यमंत्री ने कहा कि सूखे की वजह से राज्य से किसानों और मजदूरों का पलायन नहीं हो, इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि किसानों मजदूरों और अन्य प्रभावित लोगों को किस तरह रोजगार से जोड़ सकते हैं ।उन्हें मजदूरी देने की क्या व्यवस्था हो। सूखे से निपटने के लिए और क्या-क्या विकल्प अपनाए जा सकते हैं और इससे संबंधित किन योजनाओं को लागू किया जा सकता है , इसकी पूरी रिपोर्ट तैयार करें। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से यह भी कहा कि वे सूखा प्रभावित राज्यों द्वारा सुखाड़ से निपटने के लिए क्या-क्या तैयारियां की जा रही है, इसकी पूरी जानकारी लें ।

झारखंड में कुछ ऐसी है सूखे की स्थिति

मुख्यमंत्री को अधिकारियों ने बताया कि 15 अगस्त तक राज्य में जो बारिश की स्थिति है, उसके मुताबिक 131 प्रखंड मध्यम और 112 प्रखंड गंभीर सूखे की स्थिति में आते हैं । वहीं, पूरे प्रदेश में अब तक मात्र 37.19 प्रतिशत फसलों की बुआई हो पाई है । इसमें धान की रोपनी 30 प्रतिशत, मक्का की 63 .81, दलहन की 44.95, तिलहन की 40.67 और मोटे अनाज की 28.87 प्रतिशत रोपनी हो सकी है।

उच्च स्तरीय बैठक में स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबंधन मंत्री श्री बन्ना गुप्ता और कृषि मंत्री श्री बादल, मुख्य सचिव श्री सुखदेव सिंह ,अपर मुख्य सचिव श्री अरुण कुमार सिंह , प्रधान सचिव श्रीमती हिमानी पांडेय, मुख्यमंत्री के सचिव श्री विनय कुमार चौबे, सचिव श्री मनीष रंजन, सचिव श्री अबू बकर सिद्दीक, सचिव श्री केएन झा, सचिव श्री अमिताभ कौशल, सचिव श्री प्रशांत कुमार और कृषि निदेशक निशा उरांव मौजूद थीं।

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