उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग द्वारा नियुक्त परामर्शी उपलब्ध कराया

रांची ब्यूरो 
रांची: उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग द्वारा नियुक्त परामर्शी छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड (CSMCL) ने झारखंड राज्य सरकार को उत्पाद राजस्व संवर्द्धन के विषय पर कई सुझाव उपलब्ध कराया है। इस संदर्भ में CSMCL द्वारा माननीय उत्पाद मंत्री की अध्यक्षता में राज्य सरकार की टीम को एक प्रस्तुतिकरण दिया गया। मुख्य रूप से परामर्शी द्वारा निम्नलिखित सुझाव दिए गए है-

झारखंड उत्पाद अधिनियम- 1915 और यथा संशोधित अधिनियम- 2015 (Jharkhand Excise Act) में अवैध मदिरा के निर्माण, परिवहन, क्रय, विक्रय, सेवन, आदि के संबंध में सख्त कानूनी प्रावधान लाने हेतु अधिनियम के कई धाराओं में संशोधन का परामर्श दिया गया है।

झारखंड शराब का भंडार एवं थोक बिक्री नियमावली- 2021 (Wholesale Policy) के संदर्भ में यह तथ्य संज्ञान में लाया गया की वर्तमान व्यवस्था में वितरक गोदाम एवं थोक गोदाम मिला कर कुल 75 गोदाम राज्य के विभिन्न जिलों में अवस्थित है। इतनी अधिक संख्या में गोदाम के सतत् निगरानी रखना चुनौती पूर्ण कार्य है। इस दृष्टिकोण से इसे युक्तिसंगत समीछा कर घटने का परामर्श दिया गया। इन वेयरहाउस/ गोदाम का संचालन JSBCL द्वारा करने का भी परामर्श दिया गया, ताकि इन प्रतिष्ठानों से अवैध मदिरा परिवहन के कोई संभावना न रहे।

झारखंड उत्पाद (शराब की बिक्री हेतु दुकानों की वंदोवस्ती एवं संचालन) नियमावली- 2018 (Retail Policy) में छत्तीसगढ़, केरल, तमिलनाडु जैसे राज्यों के तर्ज पर सरकार के गहन नियंत्रण में प्राइवेट एजेंसी द्वारा दुकानों के संचालन करने का परामर्श दिया गया।

झारखंड उत्पाद (देशी शराब निर्माण, बॉटलिंग और भंडारण) नियम- 2018 (Country liquors Policy) के संदर्भ में पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से पेट/ प्लास्टिक बॉटल के जगह पे शीशे के बॉटल इस्तेमाल करने का सुझाव दिया गया। साथ ही देसी शराब के खपत में वृद्धि करने के दिशा में मदिरा के स्ट्रेंथ, साइज और दरों के विषय पर संशोधन के प्रस्ताव दिए गए। इन संशोधन से अवैध जावा, महुआ, चुलाई, आदि मदिरा निर्माण पर भी नियंत्रण किया जा सकेगा।

बार के अनुज्ञप्ति की नीति (Bar Licence) में भी कतिपय सुझाव दिए गए ताकि बार के संचालको द्वारा मदिरा भंडारण का अवैध इस्तेमाल कर राजस्व हानि की कोई संभावना न रहे।

झारखंड राज्य के वर्तमान उत्पाद ड्यूटी के व्यवस्था में भी कई सुझाव प्राप्त हुए जो मुख्यता थोक और खुदरा दुकानों पर लैंडिंग प्राइस को कम करने से संबंधित है। इन संशोधन से बिना मदिरा के MRP दर में कोई परिवर्तन किए राजस्व में भी वृद्धि सुनिश्चित किया जा सकेगा और लैंडिंग दर कम होने से अवैध मदिरा निर्माण कार्य में भी स्वतः कमी आएगी।

माननीय उत्पाद मंत्री महोदय ने सचिव, उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग और विभाग के अधिकारियों को CSMCL द्वारा प्राप्त परामर्श का विस्तृत समिच्छा कर उचित करवाई करने का दिशा निर्देश दिये।

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