फूड सेफ्टी कमिश्नर, झारखंड ने जारी किया आदेश, नियम तोड़ने पर कारवाई
रांची ब्यूरो
रांची : झारखंड में पान मसाला की बिक्री पर और एक साल के लिए बैन रोक लगा दिया गया है। पूर्व से ही पान पराग, शिखर, रजनीगंधा, दिलरुबा, राज निवास, मुसाफिर, मधु, विमल, बहार, सेरात, पान पराग प्रीमियम के उत्पादन, स्टोरेज, डिस्ट्रीब्यूशन और बिक्री पर रोक है , जिसको फिर एक साल के लिए बहाल कर दिया गया है । सरकार की रोक के बाद इस बार बाजार व samaj में क्या असर पड़ता है , यह प्रशासन के रुख पर ही निर्भर करेगा ।
फूड सेफ्टी कमिश्नर, झारखंड अरुण सिंह ने इसे लेकर आदेश जारी करते हुए कहा है कि इसके बावजूद अगर राज्य भर में कहीं इस नियम का उल्लंघन कर कोई व्यक्ति बिक्री करते पाया जाता है तो फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स रेगुलेशंस 2011 एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी । आदेश में यह भी लिखा है कि पान मसाला खाना सेहत के लिए हानिकारक है।
गौरतलब है कि कि अलग-अलग जिलों में पान मसाला के 41 सैंपल कलेक्ट किये गये थे । इनकी टेस्टिंग में पाया गया कि इन पान मसालों में मैग्निशियम कार्बोनेट का इस्तेमाल किया गया है जिसके रेगुलर खाने से व्यक्ति हाइपर मैग्नीशिया का शिकार हो सकता है । वहीं कई मामलों में तो हार्ट अटैक की भी शिकायत मिल चुकी है ।
दूसरा पक्ष यह है कि सरकार की रोक -पाबंदियों के बाद भी झारखण्ड के हर जिले में हर चौक चौराहों पर पान गुटखा की दुकानों में आसानी से उपलब्ध है । सरकार और प्रशासन की ओर से सख्त कारवाई नहीं होने से झारखण्ड में इन पाबंदियों का कोई सकारात्मक असर नहीं दिखाई पड़ता है।