सभी ज़िलों में वैकल्पिक खेती के लिए कृषकों के बीच सघन प्रचार प्रसार करें कृषि पदाधिकारी
नवराष्ट्र मीडिया ब्यूरो
राँची। कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के सचिव श्री अबू बक्कर सिद्दीख ने राज्य में बन रहे सुखाड़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए सभी ज़िलों को वैकल्पिक खेती के लिए कृषकों के बीच सघन प्रचार प्रसार करने के लिए सभी कृषि पदाधिकारियों को निर्देश दिया साथ ही सभी पदाधिकारिओं को किसानों को इससे निपटने के लिए हर संभव सहायता करने का निर्देश दिया। वे आज जिला कृषि पदाधिकारिओं के साथ राज्य में सूखे जैसी उत्पन्न स्थिति पर वर्चुअल मोड में समीक्षात्मक बैठक कर रहे थे।
सचिव श्री अबू बक्कर सिद्दीख ने सभी ज़िलों को वर्तमान स्तिथि पर लगातार नज़र बनाये रखने और उपायुक्त की अध्यक्षता में टास्क फोर्स बनाने का भी निर्देश दिया। इस बैठक में सभी जिला कृषि पदाधिकारिओं से उनके जिले में वर्षापात, धान के रोपनी की स्थिति , मक्के, दलहन , तिलहन तथा मोटे अनाज की बुवाई की वर्तमान स्थिति के साथ-साथ अल्पवृष्टि के आशंका के आलोक में वैकल्पिक खेती और उसकी तैयारी के सम्बद्ध में विस्तृत समीक्षा तथा चर्चा की गयी। राज्य में अभी तक 50% ही वर्षापात हुई है और धान की रोपनी मात्रा 15% तक ही हो पायी है। हालांकि मक्का, दलहन तिलहन और मोटे अनाज की बुवाई संतोष जनक है । लगभग 18 ज़िलों में वर्षापात 50% या उससे भी कम हुई है। कोल्हान प्रमंडल में पूर्वी सिंघभूम एवं पश्चिमी सिंघभूम ज़िलों को छोड़कर बाकी सभी ज़िलों वर्षापात सामान्य से कम रिकॉर्ड किया गया है जो की चिंताजनक है। हालांकि, जुलाई महीने से लगातार वैकल्पिक खेती के लिए कृषि विज्ञान केंद्र के मदद किसान गोस्टी का आयोजन किया जा रहा है और कृषकों को वैकल्पिक खेती के लिए कृषक मित्र, ATM/BTM के माध्यम से प्रेरित किया जा रहा है। राज्य में 15 अगस्त तक धान की रोपनी होती है , अगर आने वाले हफ़्तों में अच्छी बारिश होती है तो धान की रोपनी 30-40% तक हो सकेगी ।
वैकल्पिक खेती के लिए मक्का, दलहन, तिलहन तथा मोटे अनाज के बीज की उपलब्धता के लिए भारत सरकार के माध्यम से राष्ट्रीय बीज निगम से बीज के लिए मांग की जा रही है। साथ ही सूखे जैसे स्थिति से निपटने के लिए वैकल्पिक खेती के लिए कार्य योजना भी तैयार की जा रही है।
बैठक में अधिकारियों द्वारा किसानों को अल्पवृष्टि से राहत देने के लिए बीज अनुदान की राशि को बढ़ाने का अनुरोध किया गया । पशुओं के चारे की बीज और चारे की उपलब्धता के लिए भी कार्य योजना पर विचार किया गया। साथ ही राज्य सरकार किसानों को सूखे से राहत देने के लिए आपदा प्रबंधन के अंतर्गत निहित प्राबधानों पर भी समीक्षा कर रही है, जिससे समय रहते भारत सरकार से वित्तीय सहायता ली जा सके।
बैठक में कृषि निदेशक श्रीमती निशा, विशेष सचिव सह सलाहकार श्री प्रदीप कुमार हज़ारी, डिप्टी डायरेक्टर श्री संतोष कुमार एवं श्री मुकेश कुमार भी मौजूद थे।