नवराष्ट्र मिडिया ब्यूरो
पटना : जेपी की पुण्यतिथि पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के बयान पर जदयू ने कड़ा प्रतिकार किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा को जेपी से कोई सरोकार नहीं रहा है। जबकि असलियत यह है कि जेपी आंदोलन के कारण ही भाजपा को सत्ता का रास्ता मिला। जेपी के बारे में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को तो बोलने का भी हक नहीं क्योंकि भाजपा ने अपने दफ्तरों को तो हाईटेक बना लिया है लेकिन उनके कमरों में जेपी की एक फोटो तक नहीं है।
प्रो. नंदन ने कहा कि भाजपा की सत्ता तक पहुंचने की सीढ़ी समाजवाद रहा है। समाजवाद के सहारे ही भाजपा सत्ता में। लेकिन जैसे ही समाजवाद छोड़ा तो सत्ता भी छिटक गई। इसके बाद भाजपा को सत्ता माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के सानिध्य के कारण ही मिली। और आज भी जब नीतीश कुमार ने साथ छोड़ दिया है तो भाजपा बिना सत्ता बिलबिला रही है।
उन्होंने कहा कि केंद्र की सत्ता में भाजपा जेपी आंदोलन की ही बदौलत है। पहले भाजपा के लोगों को जेपी की याद कभी नहीं आई। लेकिन बिहार में सत्ता से बाहर होते ही भाजपा की बेचैनी बढ़ गई है। जदयू की ओर से जेपी की जयंती पर बड़ा कार्यक्रम हो रहा है। दिनांक 11 अक्टूबर को बापू सभागार में सीएम नीतीश कुमार जेपी की कहानी अपनी जुबानी सुनाएंगे। नीतीश कुमार इसलिए भी सुनाएंगे क्योंकि वो जेपी के आंदोलन की अगली पंक्ति में थे। इतने बड़े कार्यक्रम की रचयिता जदयू है। जदयू की देखादेखी भाजपा ने अमित शाह को बुलाया और कार्यक्रम आयोजित किया है। पहले क्यों नहीं कराते थे?
प्रो. नंदन ने कहा कि भाजपा को डर है कि जेपी निरंकुश सत्ता के खिलाफ सभी दलों को एक साथ लाए थे। वही कहानी फिर दुहराई जा रही है। देश की वर्तमान परिस्थिति अभी यही बता रही है कि जेपी के अनुयायी केंद्र की निरंकुश सत्ता को जेपी की विचार धारा से उखाड़ फेंकने को तैयार हैं।