किशनगंज ब्यूरो ,

किशनगंज । बिहार के किशनगंज जिले में अधिवक्ता समीर‌ दुबे फर्जी जज बनकर सिलीगुड़ी के व्यवसायी से 91 लाख रुपया ठगी मामले में आरोपी, गिरफ्तार होकर रिमांड पर इन दिनों बंगाल डीडी के हवाले है।लेकिन यहा सीमावर्ती जिले सहित सुबे में एक चर्चा व्याप्त है । जबकि आरोपी वरिष्ठ वकील दुबे को वर्ष 2008 में ही बार ऐसोसिएशन ने उसे संदिग्ध क्रियाकलापों  में लिप्त मानकर निष्कासित कर दिया था। तो उसके द्वारा वकालल कैसे चलाया जाता रहा।

मामले में बार एसोसिएशन सदस्य सूत्र के मुताविक आरोपी अधिवक्ता दुबे ऐसोसिएशन के द्वारा वर्ष 2008 में निष्कासित होने बाद भी वह अपनी वकालत चलाता रहा। बार भवन से सटे कुछ दूरी पर बिहार सरकार की भुमि है। जहा पर वह अवैध रूप से टेबूल लगाकर और अपने अंडर कुछ सहयोगी अधिवक्ता से मदद लेकर वकालत चलाया करता था। उन्ही अधिवक्ताओं में से एक खास सहयोगी अधिवक्ता इंद्रदेव पासवान इन दिनों बंगाल पुलिस के द्वारा सिलीगुड़ी स्पा सेन्टर से गिरफ्तार होकर, रिमांड पर डीडी के गिरफ्त में है और पुछताछ चल रही है।

उल्लेखनीय है कि किशनगंज के रूईधाशा निवासी अधिवक्ता समीर दुबे का फर्जी जज होने का खुलासा
कर पश्चिम बंगाल डिटेक्टिव डिपार्टमेंट (डीडी) ने गिरफ्तार किया है। क्योकि सिलीगुड़ी के एक व्यवसायी से ठगी का मामला उस पर सिलीगुड़ी में दर्ज है।

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