सुबोध,

किशनगंज ।शहर के जीबीएम स्कूल के पास छेदीबगान में विवेका शर्मा के आवास पर शिव चर्चा आयोजित हुआ। इस अवसर पर76 लोगों ने शिव को गुरू माना। शिव‌ शिष्यता के जनक साहब श्री
हरीन्द्ररानंदजी के बताऐं गये मार्ग पर चलने के लिए संकल्पित सभी नए शिव के शिष्य के नामों की विधिवत् घोषणा हुयी।
मंच से कहा कि आदि काल से शिव को भगवान रूप में घर -घर में पूजित करते आ रहें हैं। यानि शिव ही घर -घर के बाबा हैं उन्हें आज इस काल खण्ड में जन-जन शिव को गुरू बना रहें हैं। इसी संदर्भित विषय पर चर्चा कर जन-जन को शिव की ओर चलने की बात करना मात्र ही शिव चर्चा का उद्देश्य होता है। भजन एवं चर्चा के माध्यम से सिर्फ एक ही संदेश दिया जाता है कि शिव मेरे‌ गुरू हैं आपके भी हो सकते हैं। यह सत्य है कि बिना शिव के शिष्य बनें शिव को गुरू रूप में जानना संभव नहीं है। मन यह बुझ जाए कि मैं भी शिव को गुरू मान चुका है । इसीलिए अपने नाम की विधिवत् घोषणा करायी जाती है । शिव का शिष्य होने में कोई शर्त या लौकिक बाधा नहीं है।मात्र पारलौकिक सत्ता से मेरा मन जुड़ता है। इसलिए पहले सूत्र में कहा गया कि मन ही मन दया मांगें यह कि शिव आप मेरे गुरू हैं मुझ शिष्य पर दया करें,दुसरे में जन -जन को बताया जाता कि शिव मेरे गुरू हैं आपके भी हो सकते हैं और तीसरे सूत्र में मन ही मन नम: शिवाय से नमन करें।इस तीन सूत्र के माध्यम से ही शिव की ओर चलने की प्रवृति में भाव गहरा होता जाता है।
इस अवसर पर कैलाश चौधरी, रामनाथ शर्मा, नागेश्वर मंडल, सुबोध साहा, रूबी (महिला पुलिस), दीपाली एवं अन्य गुरू भाई बहन बड़ी संख्या में शिव चर्चा के समापन तक शामिल रहें।

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