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कोलकाता। छात्रों के लिए ममता बनर्जी द्वारा शुरू की गई महत्वाकांक्षी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना को लेकर बैंकों द्वारा आनाकानी करने पर सरकार सख्त हो गई है। राज्य सरकार ने छात्रों द्वारा बैंकों पर राज्य सरकार की योजना के तहत ऋण की प्रक्रिया के दौरान उन्हें परेशान करने का आरोप लगाने के बाद बैंकों से उनकी शिकायतों पर ध्यान देने को कहा है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि छात्रों ने कई बैंकों पर छात्र ऋण कार्ड योजना (स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड) के तहत आवेदन रद करने या ऋण की प्रक्रिया में देरी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पहल के तहत सोमवार तक इस योजना के एक लाख 20 हजार से अधिक आवेदन जमा किए गए हैं और उनमें से 50 हजार को मंजूरी के लिए बैंकों के पास भेजा गया है।
अधिकारी ने कहा, बैंकों ने अब तक लगभग छह हजार आवेदन स्वीकार किए हैं। इसके अलावा कुछ आवेदनों को खारिज कर दिया गया और जिला प्रशासन को वापस कर दिया गया। इन सबके मद्देनजर राज्य के मुख्य सचिव एचके द्विवेदी पहले ही अधिकारियों को इस मुद्दे से निपटने के लिए प्रत्येक जिले में एक समिति बनाने का निर्देश भी दे चुके हैं। अब राज्य सरकार की ओर से एक पत्र बैंकों का लिखा गया है जिसमें छात्रों को परेशान नहीं करने और स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के तहत जल्द ॠण उपलब्ध कराने को कहा गया है।

उल्लेखनीय है कि बंगाल में लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी के बाद सरकार बनने के दो महीने के भीतर ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपना चुनावी वादा निभाते हुए 30 जून को स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना को लांच किया था। इस योजना के तहत छात्र इस क्रेडिट कार्ड पर उच्च शिक्षा/कोर्स के लिए अधिकतम 10 लाख रुपये तक का ऋण प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना का लाभ दसवीं कक्षा या उससे ऊपर की पढ़ाई करने वाले छात्र उठा सकते हैं। ममता ने कहा था कि माता-पिता को अब यह चिंता करने की जरूरत नहीं है कि उनके बच्चे कैसे पढ़ेंगे। देश- विदेश में छात्र जहां भी पढऩा चाहते हैं इससे उन्हें मदद मिलेगी। इस बीच कई शिकायतें ऐसी आई हैं कि बैंक ऋण देने में छात्रों को परेशान कर रहे हैं जिसके बाद राज्य सरकार ने सख्त कदम उठाया है।

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