बंगाल ब्यूरो
कोलकाता। देशभर के किसानों को मिल रहे केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी किसान सम्मान निधि योजना के लाभ से बंगाल के 73 लाख किसानों को वंचित करने के आरोपों में घिरी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को दावा किया है कि वह चाहती हैं कि किसानों को इस योजना का लाभ मिले। राज्य सचिवालय नवान्न में मीडिया से मुखातिब होकर सीएम ने कहा, “मैं चाहती हूं कि किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का अतिरिक्त लाभ मिले, लेकिन केंद्र सरकार इस मामले में राज्य को दरकिनार करना चाहती है। इसकी वजह सिर्फ इतनी है कि वह (भाजपा) इसमें भी राजनीतिक हित साधना चाहते हैं।”
सचिवालय में मीडिया से मुखातिब ममता ने कहा कि आखिर केंद्र सरकार हमारा भरोसा क्यों नहीं कर रही है? क्यों राज्य को दरकिनार करना चाहती है? उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार के लिए बंगाल अछूत है। हमारे साथ भेदभाव किया जाता है। उन्होंने कहा, “मैं केंद्र से कह रही हूं कि वह राज्य के पास रुपये भेजें। हम सीधे किसानों के खाते में डालेंगे।”
सीएम ने कहा कि केंद्र से पहले भी किसानों को वित्तीय मदद के लिए राज्य सरकार की योजनाएं है जिसके जरिए सीधे खाते में रुपये दिए जाते हैं। केंद्र अगर किसान सम्मान निधि का पैसा भी भेजेगी तो किसानों के खाते में सीधे भेज दूंगी। उन्होंने कहा, “मैं किसानों को लेकर राजनीति नहीं करना चाहती। मैंने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर को फोन किया था। उन्होंने कहा कि केंद्र सीधे किसानों के खाते में रुपये डालेगी।”
राज्य सरकार को किसानों की सूची उपलब्ध नहीं कराने के आरोपों पर सफाई देते हुए ममता ने कहा कि वे कहते हैं कि राज्य सरकार किसानों की सूची नहीं दे रही जबकि सच्चाई यह है कि केंद्र के किसान सम्मान निधि पोर्टल पर बंगाल के किसानों की सूची अपलोड की गई है। अब राज्य सरकार को कहा जा रहा है कि सूची को वेरीफाई करें। यह लोगों को बेवकूफ बनाने का काम है।नहम लोग समझते हैं कि केंद्र सरकार का इसके पीछे राजनीतिक हित है जिसे साधने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के लिए बंगाल अछूत की तरह है। इसीलिए पोर्टल पर आंकड़े अपलोड होने के बावजूद किसानों को धनराशि नहीं भेजी जा रही है।
इस बार गंगासागर मेले में नहीं जाएंगी मुख्यमंत्री
कोलकाता। कोविड-19 संकट के बीच आयोजित हो रहे गंगासागर मेले में इस बार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नहीं जाएंगी। सोमवार राज्य सचिवालय में मीडिया से मुखातिब सीएम बनर्जी ने खुद यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आगामी 9 जनवरी से गंगासागर मेला शुरू होगा जो 16 जनवरी तक चलेगा। मेला की तैयारियों का जायजा लेने के लिए वह 8 और 9 जनवरी को गंगासागर जाने वाली थीं लेकिन इसे रद्द कर चुकी हैं। उन्होंने राज्य वासियों से वर्तमान हालात में वर्चुअल जरिए से गंगासागर का दर्शन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि गंगासागर मेला बंगाल का गौरव है लेकिन इस बार कोविड-19 के प्रोटोकॉल को मानते हुए सब कुछ करना होगा। उन्होंने कहा कि मेले में बाहर से लोग आते हैं। यह देश का एक बड़ा आयोजन है। उन्होंने कहा कि मेले के आयोजन में जो भी खर्च होता है उसकी पूरी राशि राज्य सरकार देती है। केंद्र सरकार एक पैसे भी नहीं देती। उन्होंने कहा कि उत्सव से ज्यादा सतर्कता जरूरी है। उन्होंने बताया कि इस बार मेले में प्रवेश द्वार के पास कोविड-19 जांच की व्यवस्था की जाएगी। वहां 13 एंटी पॉइंट रखे जाएंगे। दर्शनार्थियों की सुरक्षा के लिए हावड़ा और सियालदह स्टेशन पर थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई है। मेले में प्रवेश और स्नान के समय शारीरिक दूरी का पालन हो सके, इसके लिए प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा गंगासागर मेला परिसर के पास मेडिकल कैंप, कोविड-19 कंट्रोल रूम, मास्क और सैनिटाइजर की व्यवस्था होगी। साथ ही एंबुलेंस की भी व्यवस्था रहेगी ताकि किसी तरह की आपातकालीन परिस्थिति में दर्शनार्थियों को चिकित्सकीय सहायता के लिए अस्पतालों में पहुंचाया जा सके।