– बेनामी सम्पत्ति बनाने वाले नहीं समझेंगे इसका फायदा
– विपक्ष कर रहा भ्रम फैलाने की राजनीति
विजय शंकर
पटना : राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने आज ट्वीट कर कहा कि मौद्रीकरण योजना देश के ढांचागत विकास के लिए अधिक संसाधन जुटाने की एक सराहनीय पहल है। इसमें कम लाभप्रद परिसम्पत्तियों को लीज पर दिया जाएगा और मालिकाना हक सरकार के पास ही रहेगा। विपक्ष सीएए, कृषि कानून और भारतीय वैक्सीन की तरह मौद्रीकरण पर भी देश को गुमराह कर रहा हैै।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की भागीदारी वाली महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे के मौद्रीकरण से 8000 करोड़ रुपये जुटाये। जब कांग्रेस की अन्य राज्य सरकारें भी मौद्रीकरण कर रही हैं, तब राहुल गाँधी ने इसका विरोध क्यों नहीं किया? क्या कांग्रेस के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार ने एक्सप्रेस-वे बेच दिया है?
उन्होंने कहा , .बिहार में 15 साल राज करने वाले राजद ने न कभी विकास किया, न उसे इसके लिए वैध तरीके से संसाधन जुटाने की जरूरत पड़ी। जो लोग सत्ता का दुरुपयोग केवल बेनामी सम्पत्ति और निजी मॉल बनाने में करते रहे, वे मौद्रीकरण क्या समझेंगे?.मौद्रीकरण की जिस प्रक्रिया पर भ्रम फैलाने की राजनीति करने वाली कांग्रेस इसे ” सरकारी सम्पत्ति को बेचना ” बता रही है, उसकी शुरुआत यूपीए सरकार ने 2006 में की थी। यदि नीति यह गलत थी, तो राहुल गांधी ने इस फैसले की कॉपी क्यों नहीं फाड़ी?