Yogesh suryawanshi 15 दिसम्बर, रविवार
सिवनी : मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के आदेशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सिवनी के तत्वावधान में दिनांक 14.12.2024 को नेशनल लोक अदालत का जिले में आयोजन किया गया। मुख्य न्यायधिपति म.प्र. उच्च न्यायालय द्वारा नेशनल लोक अदालत का वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से शुभारंभ किया। शुभारंभ कार्यक्रम का प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री सतीश चन्द्र राय की अध्यक्षता में जिला अभिभाषक संघ के अध्यक्ष श्री रवि कुमार गोल्हानी, प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय श्रीमती मनीषा बसेर, जिला न्यायाधीशगण श्री के. एम. अहमद, श्रीमती प्रेमा साहु, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री लक्ष्मण कुमार वर्मा श्री बलवीर सिंह धाकड़, श्री जयदीप सिंह सोनबर्से, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, श्री तेज प्रताप सिंह, जिला रजिस्ट्रार श्री ठाकुर प्रसाद मालवीय व अन्य न्यायाधीशगण, एडीशनल एस.पी. श्री जी.डी. शर्मा, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री राजेश सक्सेना, चीफ लीगल एड डिफंेस काउंसिल श्री नवीन पटेल, डिप्टी चीफ लीगल एड डिफंेस काउंसिल श्री रिशाद खान, के साथ ही जिले के समस्त तहसील न्यायालय के न्यायाधीगणों द्वारा आनलाईन माध्यम से अवलोकन किया गया।
माननीय प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा नेशनल लोक अदालत में अधिक से अधिक संख्या में प्रकरणों के निराकरण में विशेष प्रयास करने एवं नेशनल लोक अदालत को सफल बनाने का आहवान किया। अधिकारियों द्वारा नेशनल लोक अदालत आयोजन स्थल का भ्रमण भी किया। उक्त नेशनल लोक अदालत का आयोजन जिला मुख्यालय की भांति तहसील विधिक सेवा समितियों लखनादौन, घंसौर एवं केवलारी में भी न्यायाधीशगणों एवं अधिवक्तागणों की उपस्थिति में किया गया।
नेशनल लोक अदालत के माध्यम से न्यायालयों में लंबित राजीनामा योग्य दाण्डिक, सिविल, चैक अनादरण, वाहन दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा, वैवाहिक मामलें, विद्युत के लंबित प्रकरणों का आपसी सहमति एवं राजीनामा के आधार पर निराकरण किया गया साथ ही बैंक ऋण वसूली, बी.एस.एन.एल. की बकाया वसूली से संबंधित प्री-लिटिगेशन प्रकरणों का भी निराकरण किया गया। नेशनल लोक अदालत के सफल आयोजन हेतु कुल 22 खंडपीठों का गठन किया गया है। उक्त 22 खंडपीठों में कुल समझौता योग्य आपराधिक 1718 प्रकरण रखे गये, जिनमें 197 प्रकरण निराकृत किये गये। धारा 138 चैक बाउन्स के 440 प्रकरण रखे गये, जिनमें 41 प्रकरण निराकृत किये गये, 9357809 रूपये की समझौता राशि का आदेश पारित हुआ। मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा के 268 प्रकरण रखें गये जिनमें 43 प्रकरण निराकृत हुए एवं कुल 29331000 का अवार्ड पारित किया गया। अन्य सिविल प्रकरण 167 रखें गये, जिनमें 15 प्रकरणों का निराकरण किया गया, 728620 रूपये की समझौता राशि का आदेश पारित हुआ। विद्युत अधिनियम के 62 प्रकरण रखें गये, जिनमें 55 प्रकरण निराकृत हुए एवं 624636 रूपये समझौता राशि का आदेश पारित किया गया। पारिवारिक विवाद से संबंधित 547 प्रकरण रेखें गये थे, जिनमें 38 प्रकरण निराकृत हुए। उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण मामलों के 10 रखे गये प्रकरणों में से 6 प्रकरण निराकृत हुये एवं 5365470 रूपये राशि का अवार्ड पारित किया गया एवं अन्य मामलों के रखे गये 47 प्रकरण में से 15 प्रकरण का निराकरण किया गया। इसी प्रकार पूर्व वाद प्रकरणों में बैंक वसूली के 2593 प्रकरण रखें गये, जिनमें 119 प्रकरणों में आपसी समझौतें से 9367510 रूपये की राशि का वसूली आदेश पारित किया गया, विद्युत अधिनियम के पूर्व वाद प्रकरण 3710 रखें गये जिनमें 247 प्रकरण निराकृत हुए एवं 968000 रूपये की समझौता राशि का आदेश पारित हुआ। नगरपालिका से संबंधित जलकर के 848 प्रकरण रखें गये, जिनमें 154 प्रकरण निराकृत हुए एवं 1133145 रूपये की जलकर की राशि वसूल की गई । इसके अतिरिक्त अन्य प्रिलिटिगेशन के 1374 प्रकरण रखे गये जिसमें 48 प्रकरण निराकृत हुये एवं 1693930 रूपये की वसूली राशि के आदेश पारित किये गये।
विशेष प्रयास
श्री बलवीर सिंह धाकड़ की खंडपीठ द्वारा 2 वर्ष पूर्व के एम.ए.सी.टी के लंबित डेथ क्लेम प्रकरण में मृतक जो कि शिक्षिका थी के वारसानों को 77 लाख रूपये की क्षतिपूर्ति प्रदान की गई। जो कि नेशनल लोक अदालत की विशष उपलब्धि है साथ ही उक्त लोक अदालत में प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय श्रीमती मनीषा बसेर की खडपीठ में कुल 17 प्रकरणों का राजीनामा व सुलह समझाईश के माध्यम से 4 दंपत्तियों को एक साथ रहने को रजामंद कर उनकी सुखद घर वापसी करवाई गई। उक्त दंपत्तियों को माननीय प्रधान जिला न्यायाधीश द्वारा फलदार पौधे आर्शीवाद स्वरूप प्रदान किया गया।