Yogesh suryawanshi
छिंदवाड़ा । एनजीओ के नाम पर लाखों का ठगी करने वाला कंप्यूटर सेंटर के संचालक पर मामला दर्ज हुआ। विभिन्न धाराओं में 1860 अधीनियम के तहत धारा 420,467,471का मामला कायम किया गया है। ब्रिलिएंट कंप्यूटर एवं दिशा शिक्षक एवं जनकल्याण समिति सहित अन्य समितियां के संचालक मनोज सिंह ठाकुर पिता ईश्वर सिंह ठाकुर निवासी त्रिलोकी नगर छिंदवाड़ा विगत लंबे समय से कंप्यूटर सेंटर एवं शासन के द्वारा संचालित विभिन्न ट्रेनिंग केंद्र का संचालन किया जा रहा है। इस संस्था संचालक द्वारा समिति सदस्यों एवं पदाधिकारी के फर्जी दस्तखत कर पहले तो संस्था का पंजीयन कराया और फिर शासन की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से छात्र-छात्राओं को ट्रेनिंग देने के नाम पर शासन से करोड़ों रुपए की राशि ली एवं मात्र कागजों में ही ट्रेनिंग दिखा दी।
उक्त आशय के आरोप संस्था की सती सूर्यवंशी में आरोप लगाते हुए बताएगी इस कंप्यूटर एवं संस्था संचालक मनोज सिंह ठाकुर के द्वारा बगैर बताएं बगैर जानकारी दिए उनका नाम संस्था के सदस्य एवं उनकी पत्नी के फर्जी हस्ताक्षर कर संस्था का रजिस्ट्रेशन कराया है। एवं माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी से पीजीडीसीए एवं डीसीए कोर्स एवं आईटीआई की परमिशन लिया है। और वह शासन को गुमराह हैकर ट्रेनिंग के नाम पर करोड़ों रुपए की राशि प्राप्त कर रहा है। एवं इस राशि का उपयोग करोड़ों रुपए की संपत्ति क्रय विक्रय करने में किया गया है। इस फर्जी वाले की जानकारी सतीश सूर्यवंशी को लगने के बाद उन्होंने इसकी शिकायत पूर्व में पुलिस अधीक्षक एवं थाना कुंडीपुरा को दी गई और अब थाना कुंडीपुरा दौरा संस्था संचालक के विरुद्ध देवेंद्र धाराओं में एफ आई आर दर्ज कर प्रकरण को विवेचना में लिया है f.i.r. क्रमांक 0426/14/6/2023 पर फिर दर्ज़वी संभव है। संस्था के संचालक की शीघ्र गिरफ्तारी होने की संभावना है। मनोज ठाकुर ने अपनी काली कमाई से लाखों की संपत्ति बनाई है जिसमें त्रिलोकी नगर की अवैध बिल्डिंग के अलावा धर्म टेकरी में आलीशान मकान भी बनाया है अवैध बिल्डिंग को बनाने के मामले में भी कई लाख रुपए की रिश्वत देने की चर्चा सूत्रों से मिली है और आज भी बिल्डिंग के अवैध भाग को तोड़ा नहीं गया है अब देखना यह है। कि फर्जी वाला का यह आरोपी सलाह को के पीछे कब पहुंचता है, जिले में इस तरह के कंप्यूटर सेंटर के नाम पर अन्नकाई संस्थाएं पुलिस की रडार पर हैं। अगर सही मायने में इस प्रकरण की जांच हो जाती है। तो निश्चित रूप से जिले में ऐसे बहुत से कंप्यूटर है। जो कंप्यूटर शिक्षा और ट्रेनिंग के नाम पर शासन को कई लाखों की आर्थिक क्षति पहुंचने का काम किया है। शिकायतकर्ता सतीश सूर्यवंशी ने बताया कि इस मामले में और आरोपित मनोज ठाकुर की जल्द ही गिरफ्तारी हो सकती है। और भाई सलाखों के पीछे होगा।
त्रिलोकी नगर में नियमो को दरकिनार कर बनाई अवैध इमारत
मनोज ठाकुर काले कारनामे करने का मास्टरमाइंड है। इसके द्वारा त्रिलोकी नगर में बगैर परमिशन लिए नगर निगम के नियमों को दरकिनार करते हुए, अवैध बिल्डिंग बनाने का आरोप लग चुका है। और नगर निगम की अतिक्रमण तोड़ने की टीम एवं इंदौर से आए बारूद विशेषज्ञों द्वारा बिल्डिंग में बारूद लगाए जाने की 1 घंटे पहले ही सेटिंग और पैसे का लेनदेन कर स्वयं बिल्डिंग तोड़ने का आश्वासन दिया गया था। जिससे कि इसकी अवैध बिल्डिंग आज तक नहीं तोड़ी गई और ना ही इस पर कोई कार्रवाई की गई इस कार्रवाई को मटिया मेट करने में तत्कालीन कार्यपाली नियंत्रित स बघेल मुख्य रूप से शामिल थे जिनके विरुद्ध लोकायुक्त में भी शिकायत हुई थी। परंतु अपनी आर्थिक ताकत दिखाते हुए मामले को रफा-दफा कर दिया गया था। परंतु एन एस बघेल भी चीलघर घोटाले में फंसे और पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। सही मायने मामले में जांच की जाती है। तो अवैध बिल्डिंग निर्माण का मामला भी मनोज ठाकुर के विरुद्ध बन सकता है।