एकेडमिक सीनेट की बैठक में राज्यपाल पंहुचे मुंगेर के आरडी एंड डीजे कॉलेज
राज्यपाल ने की बैठक की अध्यक्षता,बैठक में शामिल हुए बिहार विधान पार्षद तथा पटना और नालन्दा विश्वविद्यालय के कुलपति
मनीष कुमार
मुंगेर । मुंगेर विश्व विद्यालय के पहले एकेडमिक सीनेट की बैठक शांतिपूर्ण हुई संपन्न।मुंगेर विश्वविद्यालय की सीनेट बैठक में पहुंचे राज्यपाल ने कहा कि दो महीने में मुंगेर विश्वविद्यालय को मिलेगी अपनी जमीन।
मुंगेर विश्व विद्यालय के पहले एकेडमिक सीनेट की बैठक में आज बुधवार को कुलाधिपति सह राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर शामिल होने के लिए मुंगेर पहुंचे। दिन के 11 बजे कुलाधिपति सड़क मार्ग से मुंगेर विश्विद्यालय मुख्यालय पहुंचे। जहां कुलपति प्रो. श्यामा राय, कुलसचिव कर्नल विजय कुमार ठाकुर, प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार सिंह , डीआईजी संजय कुमार ,डीएम अवनीश कुमार सिंह और एसपी जगुनाथ रेड्डी जला रेड्डी ने राज्यपाल की अगुवाई की।वहीं मुंगेर विश्वविद्यालय परिसर में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
वहीं बैठक को संबोधित करते हुए कुलाधिपति सह राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा ही समाज के विकास की रीढ़ है। जहां शिक्षा नहीं वहां समाज का विकास थम जाता है लेकिन आजादी के बाद हम शिक्षा के मूलभूत उद्देश्यों को भूल गए। आजादी के समय उद्योग को क्या चाहिए यह शिक्षा का लक्ष्य था और अब समाज को क्या चाहिए यह हमारी नई शिक्षा नीति 2020 का लक्ष्य है। ऐसी ही शिक्षा विश्वविद्यालयों में दी जानी चाहिए। आज समाज को आगे ले जाने की जरूरत है। कुलाधिपति ने कहा कि हमारा विश्वविद्यालय किस दिशा में जा रहा है, यदि इसका उत्तर सकारात्मक है तो हमें कोई समस्या नहीं होगी। 1889 में ब्रिटिश सरकार ने भारत में शिक्षा का सर्वे कराया तथा 1895 के आसपास इसकी रिपोर्ट ब्रिटिश संसद में रखी थी। इसके बाद उन्होंने उस सर्वे रिपोर्ट के आधार पर अपनी शिक्षा नीति तैयार कर उसे ब्रिटेन में लागू किया। 1890 में भारत में शिक्षा का प्रतिशत 85 था, 1948 में यह घटकर 24 प्रतिशत पर आ गया। इसके जिम्मेदार हम और आप हैं। विगत कुछ वर्षों में राज्य में शिक्षा का स्तर गिरा है। हम इसके कारणों और इसके लिए जिम्मेदार कौन है इस पर चर्चा नहीं करना चाहते। हम राज्यवासियों की जिम्मेदारी है कि हम शिक्षा को आगे बढ़ाएं। इस पर काम करना हमारा दायित्व है। बिहार के लिए आदर्श कौन होगा इस पर विचार करने की जरुरत है। पांच वर्ष की अवस्था वाले विश्वविद्यालय को बनाना और बिगाड़ना दोनो हमारे हाथ में है। नई शिक्षा नीति 2020 ने हमें एकता का सूत्र दिया। उन्होंने कहा कि 2047 में देश आजादी का 100वां वर्ष पूरा करने जा रहा है। ऐसे में पूरा विश्व हमें देखेगा कि हम क्या करना चाहते हैं।हम रहेंगे की ना रहेंगे यह कोई नही जानता मगर हमे शिक्षा जगत को एक मुकाम तक पंहुचना है जिसे आने बाले पीढ़ी याद रखे कि मेरे पूर्वज ने शिक्षा जगत के लिए एक मिसाल कायम किया है।
कार्यक्रम की अंत मे राष्ट्र गान गाकर समापन किए और दिवंगत प्रोफेसर की आत्मा को शांति के लिए दो मिनट का मौन रखकर श्रधांजलि दी गई।
वही बैठक की शुरूआत तथा समापन राष्ट्रगान से किया गया। धन्यवाद ज्ञापण केएसएस लखीसराय कालेज के प्राचार्य डा. अजय कुमार ने किया। मौके पर डीएसडब्ल्यू डा. भवेश चंद्र पांडेय, प्रो. प्रभात कुमार, डा. देवराज सुमन, डा. सहजानंद सिंह, सीसीडीसी डा. दिवाकर कुमार सिंह, विधायक डा. अजय कुमार सिंह, विधायक प्रणव कुमार, रामवृक्ष सदा, राजीव कुमार सिंह, विजय सम्राट, विधान पार्षद अजय कुमार सिंह, सभी डीन, प्रो अजफर शमसी सहित सभी सीनेट सदस्य मौजूद थे।