नेशनल ब्यूरो
नयी दिल्ली : शिवसेना के ‘धनुष और तीर’ के चुनाव चिन्ह को लेकर शिंदे और ठाकरे गुट में जारी खींचतान के बीच भारत के चुनाव आयोग ने इस सिम्बल को फ्रीज कर दिया है । आयोग ने शनिवार को कहा कि अंधेरी पूर्व सीट के उपचुनाव में दोनों समूहों में से किसी को भी शिवसेना के लिए आरक्षित ‘धनुष और तीर’ के उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी । आयोग ने दोनों गुटों को उपचुनावों के लिए चुनाव आयोग द्वारा अधिसूचित मुक्त प्रतीकों की सूची में से अलग-अलग चुनाव चिन्ह चुनने को कहा है । उद्धव और शिंदे गुट, दोनों को ही केंद्रीय चुनाव आयोग को 10 अक्टूबर तक नए चुनाव चिन्ह और अपने दल के नाम के बारे में बताने को कहा है ताकि उसे आयोग के आदेश आने तक लागू किया जा सके ।
उल्लेखनीय है कि शिंदे गुट ने चुनाव आयोग से 3 नवंबर को अंधेरी पूर्व सीट पर होने वाले उपचुनाव से पहले चुनाव चिह्न आवंटित करने का अनुरोध किया था ताकि चुनाव चिह्न के दुरुपयोग से बचा जा सके । साथ ही धनुष-बाण चुनाव चिन्ह दिए जाने की मांग की थी । आयोग द्वारा अंधेरी (ई) उपचुनाव से पहले शिवसेना चुनाव चिन्ह के इस्तेमाल पर रोक लगाने से ठाकरे गुट को बड़ा झटका लगा है ।
उल्लेखनीय है कि जुलाई में शिवसेना से बागी होकर एकनाथ शिंदे ने 39 विधायकों के साथ भाजपा के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई जिसके बाद से ही दोनों गुटों के बीच सिंबल की जंग चल रही है। पहले यह लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक गई, जहां इस पर फैसला करने के लिए चुनाव आयोग को अधिकृत कर दिया गया था । चुनाव आयोग अब सिम्बल पर अंतिम रूप से फैसला लेगा मगर उपचुनाव को देखते हुए आयोग ने उस सिम्बोल को फ्रीज करके फ़िलहाल विवाद को टाल दिया है ।
जानकारी के अनुसार चुनाव आयोग, दोनों को अलग-अलग नाम और चुनाव चिन्ह आवंटित करेगा जो चुनाव आयोग के अंतिम फैसले तक जारी रहेगा । महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट ने शिवसेना के चुनाव चिन्ह पर दावा करते हुए चुनाव आयोग को पत्र लिखा था जिसके बाद आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट को शनिवार तक इस पर जवाब देने के लिए कहा था ।