-स्पीकर ने भाजपा में विलय को किया स्वीकार, जदयू का एकमात्र विधायक बचा
नेशनल ब्यूरो
नयी दिल्ली/इंफाल : अरुणाचल प्रदेश के बाद अब मणिपुर में भी जनता दल यूनाटेड (जदयू) को तगड़ा झटका लगा है। शुक्रवार को उसके 6 में से 5 विधायक भाजपा में शामिल हो गए। इसी के साथ प्रदेश की 60 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा विधायकों की संख्या बढ़कर अब 37 पहुंच गई है। लिलोंग विधानसभा क्षेत्र से विधायक अब अब्दुल नासिर जदयू के अकेले विधायक बचे हैं। उल्लेखनीय है कि बिहार में एनडीए से नाता तोड़ने के बाद जदयू मणिपुर में भाजपा नीत सरकार से समर्थन वापस लेने वाला था और इसके लिए आज से शुरू पटना में होने वाली बैठक में ही फैसला लिया जाना था लेकिन इसके पहले ही भाजपा ने दांव चल दिया और जदयू के 5 विधायकों को शामिल कर जदयू को लचर कर दिया । भाजपा ने बिहार में सत्ता से बेदखल होने का बदला जदयू से अरुणाचल प्रदेश व मणिपुर में ले लिया है।
उल्लेखनीय है कि बिहार में अलग होने के बाद जदयू मणिपुर में एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार से समर्थन वापस लेने की योजना बना रही थी । मणिपुर जदयू के अध्यक्ष केश बीरेन सिंह ने कुछ दिन पहले इंफाल में कहा था कि पार्टी ने पूर्वोत्तर राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार से अलग होने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उन्होंने यह भी कहा था कि वो 3 और 4 सितंबर को पटना में होने वाले राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक के दौरान पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं से मुलाकात कर इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे।
गौरतलब है कि इसी वर्ष फरवरी-मार्च में हुए मणिपुर विधानसभा चुनाव में जदयू तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। 60 सीटों में से पहले नंबर पर भाजपा थी, जिसे 32 सीटें आईँ थी, दूसरे नंबर पर नेशनल पीपुल्स पार्टी जिसने 7 सीटें जीतीं। रिजल्ट के बाद जदयू ने पार्टी को मिले जनादेश का सम्मान करने और लोगों की उम्मीदों और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए भाजपा को सरकार बनने समय समर्थन दिया था। जदयू ने मणिपुर विधानसभा चुनाव में 38 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, जिसमें से 6 ने जीत दर्ज की थी।
मणिपुर विधानसभा सचिवालय द्वारा शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि मणिपुर विधानसभा के अध्यक्ष टीएच सत्यब्रत सिंह ने जदयू के 5 विधायकों-केएच जॉयकिशन, एन सनाते, मोहम्मद अछबउद्दीन, पूर्व पुलिस महानिदेशक ए एम खाउटे और थांगजाम अरूणकुमार के भाजपा में विलय के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। मणिपुर विधानसभा के सचिव के मेघजीत सिंह द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि अध्यक्ष ने संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत जदयू के 5 विधायकों के भाजपा में विलय को स्वीकार करते हुए खुशी जताई है।
उल्लेखनीय है कि पिछले 9 दिनों में जदयू को यह दूसरा झटका है। 25 अगस्त को अरुणाचल प्रदेश में जदयू के एकमात्र विधायक टेकी कासो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हो गए थे। 2019 में हुए अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में जदयू ने 7 सीटों पर जीत दर्ज की थी, लेकिन उनके छह विधायक बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे।
इधर मणिपुर के जदयू विधायकों के बीजेपी में शामिल होने के बाद भाजपा नेता सुशील मोदी ने कहा कि मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्य जदयू मुक्त हो गए हैं। लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद जल्द ही बिहार को भी जदयू मुक्त बना देगी।
वहीँ जदयू के प्रवक्ता और पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने भाजपा पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि हमलोग 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराएंगे। भाजपा का गठबंधन सहयोगियों को धोखा देने का इतिहास रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा का नया व्यक्तित्व है। भाजपा नहीं चाहती कि अन्य छोटी पार्टियां बढ़ें। पर देश की जनता सब देख रही है और जनता दल यूनाइटेड 2024 में भाजपा को हरा देगी।