विजय शंकर
पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में केंद्र की एनडीए सरकार ने सस्ते ब्याज पर किसानों को कर्ज देने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड की शुरुआत की थी और उनकी पहल को आगे बढाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान सम्मान निधि योजना लागू करने तक किसानों के लिए इतने काम किये कि बिहार के किसान नये कृषि कानून के मुद्दे पर राजद, कांग्रेस और वाम दलों के बहकावे में नहीं आये। विपक्ष का भारत बंद बिहार में ऐसा फ्लाप रहा कि राजद के नेता को राज्य छेडकर भागना पडा।

श्री सुशील मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से बिहार के 80 लाख किसानों को आज तक 6 हजार करोड रुपये भेजे जा चुके हैं।

पूर्व उपमुख्यमंत्री मोदी ने कहा कि एनडीए सरकार ने बिहार में कृषि विभाग का बजट 241करोड से 2 हजार 41 करोड और पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग का बजट 73 करोड से 776 करोड रुपये तक किया। हर पंचायत में किसान सलाहकार और कृषि स्नातकों को कृषि समन्वयक की नियुक्ति भी हमारी सरकार ने की।

श्री मोदी ने कहा कि बिहार पहला राज्य बना, जिसने 12 विभागों को मिलाकर कृषि रोडमैप लागू किया। गैररैयत किसानों को सरकारी योजना का लाभ देने की शुरुआत भी एनडीए ने की।

उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने किसानों को स्वायल हेल्थ कार्ड दिया और उन्हें नीमलेपित यूरिया उपलब्ध कराकर यूरिया की कालाबाजारी बंद करायी। किसान क्रेडिट कार्ड पर सस्ता कर्ज लेने के दायरे में पशुपालकों और मछली पालकों को भी शामिल किया गया।

श्री मोदी ने कहा कि कृषि यंत्रों की खरीद पर अनुदान, प्राकृतिक आपदा के समय कृषि इनपुट अनुदान और फसल सहायता योजना लागू कर खेती का जोखिम कम और आय बढाने का प्रयास तेज किया गया।

उन्होंने कहा कि 15 साल में लालू-राबडी की सरकार इनमें से एक भी काम नहीं कर पायी, जबकि एनडीए सरकार ने किसानों के लिए इतने काम किये कि कृषि क्षेत्र में बिहार की विकास दर पंजाब से ज्यादा हो गई। इन सब का सुफल था कि बिहार के किसान विपक्ष के साथ नहीं खडे हुए। उनके बंद के दौरान केवल राजनीतिक कार्यकर्ता सडक पर उत्पात करते दिखे ।

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