– मनी लांड्रिंग के आरोपियों को पीड़ित बताने की राजनीति कर रहा राजद
– हृदयानंद,ललन चौधरी ने नौकरी पाने के बाद राबड़ी और हेमा यादव को ही क्यों दान किया ?

विजय शंकर
पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नौकरी के बदले जमीन मामले में लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी और दो बेटियों पर ईडी ने जब मनी लांड्रिंग के पुख्ता सबूत मिलने पर आरोप-पत्र दायर किया हैं, तब आरोपितों की ओर से राजनीतिक जवाब देने का कोई मतलब नहीं है।
श्री मोदी ने कहा कि जो लोग काले धन को छिपाने या उसे वैध सम्पत्ति दिखाने (मनी लांड्रिंग ) का अपराध करने वालों को पीड़ित बताने के लिए “घर की महिलाओं को” फँसाने का विलाप कर रहे हैं, वे बताएँ कि इन महिलाओं ने रेलवे में चौथी श्रेणी की नौकरी पाने वाले हृदयानंद चौधरी से 60 लाख की कीमती शहरी जमीन दान में क्यों ले ली?
उन्होंने कहा कि हृदयानंद चौधरी ने पटना के पास दानापुर थाना क्षेत्र के अन्तर्गत महुआ बाग की 3375 वर्गफीट भूमि तेजस्वी यादव की पांचवीं बहन हेमा यादव को मुफ्त में दान क्यों कर दी? इस “महान दानी” ने हेमा यादव को ही क्यों भूमिदान के योग्य समझा? क्यों चौधरी ने ही स्टाम्प ड्यूटी के तौर पर 6.28 लाख रुपये भी स्टेट बैंक की मुख्य शाखा में जमा कराये?
श्री मोदी ने कहा कि राजद के प्रवक्ताओं को इन सवालों का जवाब देना चाहिए, जबकि वे आरोपित को प्रताड़ित बताने की राजनीति कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राबड़ी देवी और हेमा यादव को जो जमीन दान में मिली, उसे राजद के एमएलसी अबू दोजाना की कंपनी से करोड़ों में बेच दिया गया। ईडी मनी लांड्रिंग के इस मामले की जांच कर रही है।
श्री मोदी ने कहा कि राबड़ी देवी को 31 लाख रुपये मूल्य की और हेमा यादव को 62 लाख की जमीन दान में देने वाले ललन चौधरी विधान परिषद् में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी हैं।
उन्होंने कहा कि ललन चौधरी और हृदयानंद चौधरी दरअसल लालू परिवार के काले धन और बेनामी सम्पत्ति को सफेद (वैध) करने का जरिया बने। राजद इन तथ्यों पर राजनीति का पर्दा डालना चाहता है।
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