कई महिला संगठनों ने मांग तेज की

नवराष्ट्र मीडिया ब्यूरो 

पटना। ऑल इंडिया महिला सांस्कृतिक संगठन (एआईएमएसएस) ने गायघाट रिमांड होम की घटना की कड़ी भर्त्सना की है। उन्होंने कहा कि गायघाट रिमांड होम की घटना ने पूरे मानवजाति को शर्मसार कर दिया है। इस घटना में राज्य सरकार की उच्च अधिकारियों की संलिप्तता संदिग्ध है। इस रिमांड होम में लड़कियों का भयंकर यौन- उत्पीड़न होता रहा है। लड़कियों को शारीरिक संबंध बनाने को मजबूर करने के लिए नशीली दवाओं का प्रयोग भी किया जाता है। लड़कियों को जान से भी मार देने की खबर है।
उन्होंने मांग किया कि
*1. गायघाट रिमांड होम मामले की संपूर्ण जांच पटना हाई कोर्ट के सिटिंग जज की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनाकर की जाए.
2. इस कुकृत्य में शामिल दोषियों को कठोर सजा दी जाए.
3. रिमांड होम को जेल की तरह नहीं, बल्कि सुधार गृह के रूप में बनाया जाए. इसके लिए गृह के भीतर स्कूल, मानसिक रूप से बीमार के लिए डॉक्टर का इंतजाम किया जाए.
4. महिला संगठनों ,मानवाधिकार संगठनों को अधिकार दिया जाए कि वे जब चाहें,सुधार गृह में जा सकें.
5. पटना हाईकोर्ट के निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए.
मालूम हो कि पटना हाई कोर्ट ने इस मामले का स्वतःसंज्ञान लिया है. इसके बाद कई महिला संगठनों ने कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया हैं । सरकार से मांग की है कि गायघाट रिमांड होम मामले में संपूर्ण मामले की जांच पटना हाई कोर्ट के सिटिंग जज की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनाकर की जाए.
रिमांड होम में लड़कियों को जेल की तरह बंद रखने के बजाए सुधार गृह के रूप में लाने के लिए कदम उठाना जरूरी है. मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड ने इसे सिद्ध किया है.इसके लिए गृह के भीतर स्कूल, मानसिक रूप से बीमार के लिए डॉक्टर का इंतजाम किया जाए.
आत्मनिर्भर बनाने के लिए रोजगार की ट्रेनिंग की बात तो होती है लेकिन यह कहीं मुक्कमल नहीं है. इसकी व्यवस्था की जाए.
सुधार गृह में जांच-पड़ताल और संवासिनो से समय-समय पर बातचीत करने के लिए महिला संगठनों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों की टीम नियमित समय अंतराल में भेजी जाए.
.महिला संगठनों ,मानवाधिकार संगठनों को अधिकार हो कि वे जब चाहें,सुधार गृह में जा सकें. इसकी अनुमति देने की प्रक्रिया सरल बनाई जाए.
अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन(ऐपवा) की और मीना तिवारी, शशि यादव, अफ्शां जबीं, बिहार महिला समाज की निवेदिता, रिंकू, अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की रामपरी, रश्मि श्रीवास्तव, ए डब्ल्यू एस एफ की आसमां खान, ए आइ एम एस एस की अनामिका, कोरस की समता राय आदि मैं यह जानकारी दी।
महिला संगठनों ने सरकार से उम्मीद की हैं कि वह तत्काल कदम उठाए.ऐसा नहीं होने पर प्रतिवाद कार्यक्रम किया जाएगा.

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