प्रेरणा पीएम के आत्मनिर्भर भारत अभियान की

विजय शंकर 

पटना। प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान से प्रेरित होकर एक अमेरिकन बैंक में ऊंची पगार पर काम कर रही पटना की बेटी वन्या वत्सल  ने नौकरी छोड़कर इको फ्रेंडली सैनिटरी पैड्स से संबंधित अपना स्टार्टअप प्रारंभ किया है।

सैनिटरी पैड्स यूं तो कई कंपनियां बना रही हैं जिनमें ज्यादातर विदेशी हैं। उनमें प्लास्टिक का उपयोग होता है और प्लास्टिक के कवर में ही पैक कर ये पैड्स बिकते हैं। महिलाओं का पीरियड्स आसान हो, गुणवत्ता युक्त पैड्स के इस्तेमाल से तकलीफ के उन दिनों में भी ज्यादा निश्चिंतता महसूस हो, इसके लिए इन्होंने ऑर्गेनिक रूप से पैदा किए गए कपास से बने बिना किसी रसायन या प्लास्टिक का इस्तेमाल किए हुए तैयार किए गए सैनिटरी पैड्स लांच किया है, जिसके कवर में भी प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं है। कागज के लिफाफे और आकर्षक पेपर बोर्ड में पैकिंग की गई है। डिस्पोजल बैग भी प्लास्टिक का नहीं, बल्कि बायोडिग्रेडेबल है। इलारिया पैड्स त्वचा को ज्यादा कोमल और मुलायम महसूस होते हैं। इसमें किसी रंग, रसायन और प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं होने के कारण यह खुजली और जलन मुक्त मासिक चक्र सुनिश्चित करने में मदद करता है।
स्कूल के समय से ही पढ़ाई में मेधावी रही वन्या वत्सल ने चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने के बाद आईआईएम लखनऊ से एमबीए किया और एक अमेरिकन मल्टीनेशनल बैंक में ऊंची पगार पर बेंगलुरु और मुंबई में लगभग दो वर्षों तक काम किया। लेकिन इनके मन में हमेशा यह भावना कुरेदती रहती थी कि मल्टीनेशनल कंपनी और महानगरों की भीड़ में खोने के बजाय अपने शहर में कुछ इनोवेटिव काम किया जाए, जिससे मासिक चक्र के दौरान मां-बहनों की तकलीफ़ थोड़ी कम हो और जीवनदायिनी मिट्टी को भी प्रदूषित होने से यथासंभव बचाया जा सके। मिट्टी स्वस्थ रहेगी तभी उससे पोषक तत्वों से भरपूर अनाज और फल-सब्जी की उपज मिल पाएगी, जिनके उपयोग से मानव और अन्य जीवों का इम्यून सिस्टम मजबूत होगा। नयी पहल से आमदनी भले ही कम हो या आरंभिक दौर में नहीं हो, किंतु कुछ नया, कुछ अभिनव करने का संतोष हो, प्रकृति और पर्यावरण के प्रति योगदान करने की इच्छा पूरी हो, इस भावना के बलवती होते जाने के कारण इन्होंने नौकरी छोड़ दी और तीन माह पूर्व इलारिया इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड नाम से एक कंपनी रजिस्टर कराई। प्रोडक्ट की लांचिंग होते ही बिहार, झारखंड के अलावे महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल से आनलाइन खरीद के आदेश आने लगे हैं। वन्या राज्य के लब्ध प्रतिष्ठ पत्रकार स्वर्गीय रामजी मिश्र ‘ मनोहर ‘ की सुपौत्री है।
वन्या का कहना है कि जब लोगों को शराब-सिगरेट खरीदने में हिचक नहीं है तो माताएं-बहनें दूकान से सेनेटरी पैड खरीदने में शर्म हिचक या झिझक क्यों महसूस करें। पैड्स के पैकेट को खरीदने के तुरंत बाद गहरे रंग के पैकेट या झूले में रखने की जल्दबाजी क्यों दिखाएं। इसे घर में भी पुरुषों और बच्चों की नजर से छिपाकर रखा जाता है। मां, बहन, बेटियों को इस मानसिकता से उबरने और उबरने की जरूरत है। पीरियड्स कोई सामाजिक धब्बा नहीं है बल्कि जीवन के सृजन का, दुनिया के अस्तित्व का आधार है। सारे देवी-देवता, संत-साध्वी प्रधानमंत्री-राष्ट्रपति, सेना प्रमुख और अंतरिक्ष वैज्ञानिक से लेकर मजदूर तक इसलिए जन्म ले सके क्योंकि मातृशक्ति इस दौर से गुजरती है। इसलिए इससे जुड़ी कठिनाई को कम करने तथा उस तकलीफ की अवधि को यथासंभव सुखद, सुरक्षित और खुशनुमा बनाने के बारे में खुलकर विचार-विमर्श होना चाहिए। पीरियड्स की अवधि में महिलाओं को पर्व-त्यौहार और पूजन-विधान, साधना-संस्कार से क्यों वंचित रखा जाए, इसे अशुद्धि क्यों माना जाए? जो प्राकृतिक जनन चक्र जीवनदायिनी है, मानव अस्तित्व का आधार है, उसे अपवित्र क्यों माना जाए। उस अवधि में भी अपनी माता का दूध पीकर जब देवी-देवता, साधु-संत, पुरोहित सर्वत्र पूज्य हो गए तो परंपरागत सोच उस दौर में माता को क्यों अशुद्ध मानती है? मेरा मानना है कि उससे पवित्र और शुद्ध अवधि तो कोई हो ही नहीं सकती।
इनका कहना है कि रसायनों और सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त कोई भी इको फ्रेंडली, ऑर्गेनिक, बायोडिग्रेडेबल चीज सामान्य उत्पाद से महंगी होती है, किंतु यदि हम इनसे प्रयोग से मानव, पशु-पक्षी एवं लाभकारी सूक्ष्मजीवों के स्वास्थ्य तथा मिट्टी , जल स्रोतों और संपूर्ण पारिस्थितिकी-पर्यावरण को होनेवाले नुकसान की भरपाई की दीर्घकालीन लागत का आकलन करेंगे तो ऐसे उत्पाद सस्ते ही जान पड़ेंगे। हमें भ्रम है कि प्रदूषण मुक्ति और पर्यावरण संरक्षण-संवर्धन पर होने वाला खर्च सरकार करती है, वस्तुतः यह खर्च आम जनता की जेब से ही विभिन्न प्रकार के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों के माध्यम से ही पूरा होता है। इस अभिनव पहल के बारे में ज्यादा जानकारी www.ilaaria.com पर प्राप्त की जा सकती है। (आलेख प्रस्तुति – संजय )

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *