बिमल चक्रवर्ती
धनबाद : नेशनल लोक अदालत संविधान के परिकल्पना को पूरी करने के दिशा में एक कदम है। उक्त बातें शनिवार को धनबाद सिविल कोर्ट में आयोजित नेशनल लोक अदालत के उद्घाटन के मौके पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह चेयरमैन डालसा राम शर्मा ने कही। इसके पूर्व सुबह 10ः30 बजे जिला विधिक सेवा प्राधिकार के चेयरमैन सह प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राम शर्मा, एसएसपी संजीव कुमार, फैमिली जज तौफीकुल हसन, बार अध्यक्ष अमरेंद्र सहाय, एसबीआई के रिजनल मैनेजर नवीन कुमार ने नेशनल लोक अदालत का उद्घाटन किया। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि लोक अदालत में लोगों को मानसिक शांति मिलती है। इसके साथ ही प्रेम और सौहार्द आपस में फिर से बन जाता है। लोगों मे प्रेम, शाति ,समृद्धि और समरसता बनी रहे यही इस लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य है। उन्होने कहा की 23 नवम्बर 2013 से पूरे देश में नेशनल लोक अदालत का आयोजन हर तीन माह मे किया जा रहा है। कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधिश तौफीकुल हसन ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत आम आदमी के हित के लिए लगाये जाते हैं। बिना प्रशासनिक सहयोग के हम समाज तक न्याय नहीं पहुंचा सकते। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेन्द्र कुमार सहाय ने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से व्यापक पैमाने पर मुकदमों का निष्पादन किया जा रहा है। जिसमें समय की बचत के साथ-साथ वादकारियों को विभिन्न कानूनी पचड़ों से मुक्ति मिल रही है। एसबीआई के रिजनल मैनेजर नवीन कुमार ने कहा कि लोक अदालत में तत्काल सेटल होता है मामला डालसा द्वारा किया जा रहा है, यह एक बहुत सराहनीय कार्य है। एसबीआई इस कार्य में हर संभव मदद कर रहा है। और आगे भी करेगा। उन्होंने कहा कि लोक अदालत एक ऐसा मंच है, जहां तत्काल प्रभाव में मामला सेटेल हो जाता है और विवाद आगे नहीं बढ़ पाता। जानकारी देते हुए प्राधिकार के सचिव सह अवर न्यायाधीश नीताशा बारला ने बताया कि प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के आदेश पर विवादों के निपटारे के लिए कुल 15 बैंच का गठन किया गया है। नेशनल लोक अदालत में निपटारे के लिए 10,000 मामले चिन्हित किए गए हैं। दोपहर 12:00 बजे तक सात हजार मामलों का निपटारा किया जा चुका है ।उन्होंने बताया कि 5 दिनों तक चले स्पेशल मेडिकेशन में कुल 47 विवादों का निपटारा कर दिया गया। कुल 131 विभिन्न तरह के विवाद इसमें शामिल थे, जिसमें ज्यादातर पति पत्नी के बीच के विवाद के मामले थे। उन्होंने बताया कि बेंच में न्यायिक पदाधिकारियों के साथ विभिन्न विभागों के पदाधिकारी , अधिवक्ता शामिल हैं। न्यायिक पदाधिकारियों में प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय तौफीकुल हसन, अपर प्रधान न्यायाधीश फैमिली कोर्ट प्रेमलता त्रिपाठी, जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमेश कुमार श्रीवास्तव, स्वयंभू ,राजकुमार मिश्रा, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संजय कुमार सिंह, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कुलदीप, अवर न्यायाधीश, राजीव त्रिपाठी, रेलवे के न्यायिक दंडाधिकारी राकेश रोशन, प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी श्वेता कुमारी विशाल माझी , मनोज कुमार इनदरबार, शिवम चौरसिया, सफदर अली नायर, संतोषनी मुरमुर, निर्भय प्रकाश, पूनम कुमारी, अभिषेक श्रीवास्तव, स्थाई लोक अदालत के चेयरमैन उमाशंकर प्रसाद सिंह, सर्टिफिकेट ऑफिसर फागुनी राम डालसा के पैनल अधिवक्ता अजय कुमार भट्ट , रंजीत कुमार झा, पंचानन सिंह, जया कुमारी, नीरज कुमार , जय राम मिश्रा, सोनिया कुमारी, संजीव कुमार सिंह शामिल थे। कार्यक्रम के सफल आयोजन में डालसा सहायक, मनोज कुमार, सौरव सरकार, अरुण कुमार, द्वारिका प्रसाद, अनुराग पांडे, अक्षय कुमार, हेमराज चौहान चंदन कुमार, समेत अन्य लोग उपस्थित थे। सचिव श्रीमती बारला ने नेशनल लोक अदालत में सफल आयोजन के लिए सभी वादकारी सिविल कोर्ट कर्मचारी धनबाद बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं और विभिन्न विभाग के अधिकारियों का आभार प्रकट किया।