नवराष्ट्र मीडिया न्यूज  

पटना । लिट्रा पब्लिक स्कूल के नवस्थापित ब्रांच बुद्धा कालोनी में आज साहित्यिक संस्था सामयिक परिवेश ने नवोत्सव काव्य पाठ का आयोजन किया। कार्यक्रम राज्य के सुप्रसिद्ध शायर कासिम खुर्शिद की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। मौके पर मंच की शोभा बढ़ा रहे थे संजय कुमार कुदन, शिव नारायण जावेद हयात और मुख्य अतिथि अनिरुद्ध सिन्हा।
ठंड के मौसम में खुले आकाश के नीचे बगैर किसी शोर-शराबे और ताम-झाम के इस आयोजन की विशेषता थी कि इसमें दिग्गज साहित्यकारों के साथ स्थापित हो चुके और हो रहे साहित्यकारों की तीनों ही पीढी मौजूद थी। इस मायने में भी यह कार्यक्रम महत्वपूर्ण रहा कि नवोदितों को सीखने का मौका यहां मिला।
इस कार्यक्रम में किसी ने वर्ष 2022 में अलविदा कह कर विदाई दी तो किसी ने नववर्ष का अपनी प्रस्तुतियों से स्वागत किया तो कुछ ने प्रेम,वफा और यादों के राग से झंकृत किया तो किसी ने विरह- वेदना के तार छेड़े। इसी क्रम में ममता मेहरोत्रा की ये पंक्ति श्रोताओं के दिल तक उतर आए।
वफ़ा में दुश्मनों सा पेश आना क्या ज़रूरी है।
ताल्लूक़ है तो फिर शर्तें लगाना क्या ज़रूरी है।।

अंधेरों के लिए हम रौशनी बन जाएं, काफ़ी है।
दिखावे के लिए बस जगमगाना क्या ज़रूरी है।।

जो दिल नहीं मिलता तो फिर रस्ता अलग कीजे।
अचानक रास्ते में आज़माना क्या ज़रूरी है ।।

कार्यक्रम में कविता और गजल प्रस्तुत करने वालों में पूनम सिन्हा, श्रुतकीर्ति अग्रवाल, राजकांता राज,रूबी भूषण, डा. पंकज प्रियम, डा. प्रतिभा रानी,श्वेता मिनी,डा. निलू अग्रवाल,मीना परिहार, सुधा पांडे, नसीम अख्तर, ममता मेहरोत्रा आदि प्रमुख थीं।
इसके अतिरिक्त मंचासिन हस्तियों ने भी अपनी बेहतरीन प्रस्तुति से श्रोताओं को भाव विभोर किया। इस मौके पर संस्था की आजीवन सदस्यों को परिचयपत्र और प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किये गये।

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