बिहार ब्यूरो 
पटना : श्री चित्रगुप्त सामाजिक संस्थान, पटना के तत्वावधान में कीर्तिशेष कविवर सुरेन्द्र नाथ सक्सेना की जयंती के अवसर पर एक भव्य काव्य-संध्या का आयोजन किया गया। कोरोना महामारी की मद्देनज़र आनलाइन आयोजित काव्य संध्या में पटना, रांची, जमशेदपुर और गाज़ियाबाद के प्रख्यात साहित्यकारों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से कीर्तिशेष कविवर सुरेन्द्र को श्रद्धांजलि अर्पित की। चित्रगुप्त सामाजिक संस्थान के सचिव श्री कमलनयन श्रीवास्तव ने कविवर सुरेन्द्र के व्यक्तित्व और कृतित्व पर अपने उद्गार व्यक्त किये। प्रख्यात गीत ऋषि स्वर्गीय कुँअर बेचैन की सुपुत्री वंदना कुँअर रायजादा ने माँ वाणी की वंदना गाकर काव्य संध्या का प्रारंभ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रख्यात साहित्यकार और कई भाषाओं के ज्ञाता श्री बृज किशोर वर्मा ‘शैदी’ ने की और मंच संचालन कविवर सुरेन्द्र के सुपुत्र सुकवि पीयूष कांति ने की। कार्यक्रम का आयोजन और संयोजन श्री कमलनयन श्रीवास्तव, श्री तुषार कांति और श्रीमती मनीषा सहाय सुमन द्वारा किया गया। काव्य-संध्या में प्रसिद्ध कवि एवं कवयित्री सर्वश्री ममता लड़ीवाल, मयंक राजेश, प्रणव पराग, डा. आरती, वंदना कुँअर रायजादा, मनीषा सहाय सुमन, वसंत जमशेदपुरी, श्यामल सुमन, मधुरेश शरण, कमलनयन श्रीवास्तव, प्रशांत करण, डा. जी.बी.पांडेय, पीयूष कांति और बी.के.वर्मा शैदी ने शानदार काव्य पाठ किया। कविवर सुरेन्द्र के सुपुत्र पीयूष कांति ने उनके काव्य ग्रंथ दिव्य-लोक के ‘साहित्य, कला और शिल्प’ अध्याय का काव्य पाठ किया जिसमें एक दिव्य-लोक के निर्माण में साहित्य और कला के योगदान को रेखांकित किया गया है। कार्यक्रम के अंत में कविवर सुरेन्द्र नाथ सक्सेना के ज्येष्ठ पुत्र श्री तुषार कांति ने सभी अतिथियों के प्रति आभार प्रकट किया।

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